लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। शिवपाल ने बुधवार को कहा कि हमारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा काम कर रहा है। जो लोग समाजवादी पार्टी में उपेक्षित थे, इधर-उधर घूम रहे थे, जिन्हें कहीं सम्मान नहीं मिल रहा था, हमने उन्हें इकठ्ठा करके सम्मान दिया है। आपसी निर्णय के बाद ही लोकसभा चुनाव में उतरेंगे।
जब अखिलेश यादव से शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और देश का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, ऐसी कई चीजें देखने को मिलेंगी। इसमें कोई शक नहीं है कि इसमें भाजपा का ही हाथ होगा।’’ दो साल से पार्टी में हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने 5 मई 2017 को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने का एेलान किया था। बाद में यह ठंडे बस्ते में चला गया। इस साल 10 जून को उनके समर्थकों ने 'शिवपाल यादव सेक्युलर मोर्चा' का गठन किया। शिवपाल को इसका संरक्षक बनाया गया।
पार्टी में हो रही उपेक्षा के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि मुझे जब-जब बुलाया गया, मैं गया। जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा। 19 सितम्बर को होने वाली अखिलेश की साइकिल रैली की जानकारी नहीं है। पार्टी में मुझे कोई सूचना नहीं दी जाती। पार्टी बैठक का कोई निमंत्रण नहीं दिया जाता।
शिवपाल ने कहा, ‘‘अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है। उन्हें पद देना शुरू किया है। मेरे मन में था कि पूरा परिवार एक रहे। यह आगे पता चलेगा कि किसके साथ जाना है। जितने उपेक्षित लोग हैं, जिन्हें कोई काम नहीं मिल रहा, उन्हें मैं एक कर रहा हूं। समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के जरिए उन्हें काम दे रहा हूं।’’
क्या अमर सिंह के कहने पर किसी भाजपा नेता से मीटिंग फिक्स हुई थी? इस सवाल पर शिवपाल ने कहा, ‘‘अमर सिंह ने बात की थी। वे मेरी किसी से बात कराना चाहते थे। एक दिन पहले ही मैंने उन्हें मना कर दिया था। मैं (योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री) राजभर से जरूर मिला था।’’ मुलायम सिंह से रिश्तों के बारे में शिवपाल ने कहा कि वे उनका सम्मान करते हैं। अगर सपा में नेताजी की उपेक्षा होगी तो पार्टी कमजोर होगी।
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