देहरादून I प्रदेश सरकार जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करने जा रही है। राजधानी देहरादून में जहरीली शराब से हुईं मौतों से व्यथित और क्षुब्ध मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आबकारी विभाग को सजा के कड़े प्रावधान करने के लिए नीति में संशोधन के निर्देश दिए हैं।
इन्हीं निर्देशों के आलोक में सरकार ऐसे मामलों में जमानती अपराधों को गैर जमानती अपराधों में बदलने जा रही है। उत्तरप्रदेश सरकार आजीवन कारावास का प्रावधान पहले ही कर चुकी है। आबकारी आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि आजीवन कारावास समेत अन्य संशोधन करने के संबंध में विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, करीब छह महीने पहले रुड़की से सटी उत्तरप्रदेश सीमा पर जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में दोषी को सात साल की सजा का प्रावधान किया था। अब देहरादून में हुईं मौतों के बाद सरकार उत्तरप्रदेश की तर्ज पर इसमें सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करना चाहती है।

इसके अलावा नीति में यह प्रावधान भी किया जा सकता है कि यदि किसी के पास निर्धारित मात्रा से अधिक शराब बरामद होती है तो इस अपराध में उसे जमानत नहीं मिल पाएगी। मौजूदा नीति के तहत यह अपराध जमानती है। इसके अलावा नीति में कुछ और संशोधन भी हो सकते हैं।

देसी शराब की विशेषज्ञ लैब से भी होगी जांच

देहरादून में देसी शराब की प्रदेश से बाहर विशेषज्ञ प्रयोगशालाओं से जांच कराई जाएगी। जहरीली शराब कांड के बाद देसी शराब के कई सैंपलों की जांच चल रही है। पांच सैंपलों की जांच आ चुकी है, जिसे मानकों के अनुरूप पाया गया है। आबकारी आयुक्त के मुताबिक, एहतियात के तौर पर इन सभी सैंपलों को राज्य से बाहर विशेषज्ञ प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा जाएगा। 

प्रति व्यक्ति शराब खपत में देश में दूसरा स्थान
उत्तराखंड में शराब की प्रति व्यक्ति खपत देश में दूसरे स्थान पर है। प्रति व्यक्ति खपत के मामले में दिल्ली प्रांत पहले स्थान पर है। अकेले देहरादून में ही हर महीने 10 लाख, तीन हजार 998 बल्क लीटर देसी शराब की खपत हो रही है। शराब की ये खपत तब है, जब प्रदेश में शराब देशभर से महंगी है।

छापेमारी के लिए आठ टीमें गठित
मुख्यमंत्री के निर्देश पर आबकारी विभाग ने देहरादून जनपद में अवैध शराब की धरपकड़ के लिए आठ टीमों का गठन कर दिया है। इन टीमों में आबकारी आयुक्त कार्यालय के सभी अधिकारियों को शामिल किया गया है। जल्द ही सभी जनपदों में भी ऐसी ही टीमें गठित कर छापेमारी की सघन कार्रवाई की जाएगी।
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