देहरादून I बीआरओ ने लिपुलेख तक सड़क बना ली है, जिसे अगले एक साल के भीतर पक्का कर दिया जाएगा। इससे तिब्बत सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच काफी आसान हो जाएगी।
 
देहरादून में आयोजित सैन्य सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि.) ने खास बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड समेत सभी बॉर्डर एरिया की सड़कों के काम को भी जल्द पूरा करने पर फोकस है।
उन्होंने कहा कि 2011 में सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम करने का फैसला हुआ। लेकिन हमें समझना होगा कि भारत और तिब्बत के सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थितियां बहुत अलग हैं। तिब्बत में पठार है, जबकि हमारे यहां पहाड़ी इलाका जो बेहद दुर्गम है।

भारतमाला प्रोजेक्ट समेत सीमांत इलाकों की सड़कों को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इस कड़ी में हमने लिपुलेख तक सड़क बना ली है। अब उस सड़क को पक्का करने पर काम चल रहा है। कुछ समय पहले तक कहा जाता था कि वहां पहुंचने में हमें 30 साल लगेंगे, लेकिन बीआरओ ने बहुत तेजी से काम किया है।

ऑल वेदर रोड से तीर्थयात्रियों की यात्रा होगी आसान

उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड परियोजना का काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। यह सड़क केवल सामरिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

अगले साल प्रदेश में कुंभ होना है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। ऑल वेदर रोड बनने से श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा का सफर भी बेहद आसान हो जाएगा। एनजीटी ने ऑल वेदर रोड के लिए एक कमेटी बनाई है। हम चाहेंगे कि वह कमेटी तेजी से काम करे ताकि सड़क निर्माण समय से किया जा सके।

सेना की मजबूती के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2010 में सेनाध्यक्ष बनने के बाद हमने सेना की आर्टिलरी को मजबूत करने के प्रयास तेज किए। 2009 में कोलकाता में रहने के दौरान हमारे संज्ञान में आया कि बोफोर्स जो 25 साल पहले आई थी उसके ब्लूप्रिंट और टेक्नोलॉजी हमारे पास थी, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा था।

ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोफोर्स टेक्नोलॉजी को लेकर एक तोप बनाने का प्रयास करे

हमने पूछा कि टेक्नोलॉजी होने के बावजूद इस पर काम क्यों नहीं हो रहा है तो हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद 2010 में हमने इसे बनाने का प्रयास शुरू किए। 2011 में हमने कहा कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोफोर्स टेक्नोलॉजी को लेकर एक तोप बनाने का प्रयास करे, जो उस कैलिबर की हो।

साथ ही हमने डीआरडीओ से भी कोशिश करने को कहा। अब पिछले कुछ समय से मॉर्डनाइजेशन की दिशा में गति आई है। हमको अपनी कार्यशैली बदलने की जरूरत है ताकि चीजें तेजी से हो सकें। उन्होंने कहा कि अगर एक बोफोर्स तैयार होने में 20 साल लगे तो उसका कोई फायदा नहीं। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

तेजी से हो पूर्व सैनिकों और सैनिक परिवारों की समस्याओं का समाधान
पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि सैनिक, पूर्व सैनिकों और उनके परिवार एवं आश्रितों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को गंभीरता से काम करना चाहिए। जो देश अपने सैनिकों और पूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं कर सकता, वह कभी आगे भी नहीं बढ़ सकता। हमें यह समझते हुए काम करना होगा।
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