देहरादून I उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती के साथ ही दावेदारी को लेकर जोड़ तोड़ शुरू हो गई है। संगठन के भीतर जो नाम चर्चाओं में हैं, उनमें संगठन के बड़े नेताओं के अलावा सांसद, मंत्री और विधायकों के नाम शामिल हैं। चूंकि 2022 के विधानसभा चुनाव वर्तमान में चुने गए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में होने हैं, इस लिहाज से ये पद काफी अहम हो गया है।
पार्टी को 15 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराना है। पार्टी का भरपूर प्रयास है कि नीचे से लेकर ऊपर तक रायशुमारी के साथ चुनाव हो। बूथ से लेकर मंडल स्तर तक के चुनाव पार्टी इसी नीति के तहत निपटा चुकी है और अब रविवार को संगठन के 14 जिलाध्यक्षों के नामों का भी ऐलान कर दिया जाएगा। पार्टी का जोर संगठन की बागडोर ऐसे चेहरों के हाथों में सौंपने का है, जो अनुभवी होने के साथ ही चुस्ती और चातुर्य में बेजोड़ हों।

साथ ही क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों की कसौटी पर खरे उतरते हों। इन तमाम आधारों पर जो नाम पार्टी के भीतर चर्चाओं में हैं, उनमें कुमाऊं मंडल से वर्तमान अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट का नाम पहले स्थान पर है। जातीय समीकरण के हिसाब से इस बात की संभावना है कि नया प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से हो और ब्राहमण हो। 

कुमाऊं से चर्चा में कई नाम

भट्ट के अलावा ब्राहमण नेताओं की पांत में सांगठनिक अनुभव रखने वाले कई और नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं। इनमें पहला नाम कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत का है। जिलाध्यक्ष व पूर्व मंत्री रहे भगत को त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। उनके बाद एक नाम संघ पृष्ठभूमि से जुड़े कैलाश पंत का है, जो संगठन में लो प्रोफाइल में रहकर काम करने के लिए मशहूर हैं। संघ से निकले केदार जोशी का नाम भी चर्चाओं में है।

विधायकों में दूसरा नाम कुमाऊं से ठाकुर नेताओं के तौर पर विधायक पुष्कर सिंह धामी का है। उनके अलावा पूर्व सांसद बलराज पासी का नाम भी लिया जा रहा है। इनके अलावा एक नाम राजेंद्र भंडारी का भी है, जो वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं। आरएसएस के प्रचारक रहे भंडारी वर्तमान में काफी अहम भूमिका में हैं। अनुसूचित जाति के चेहरे के तौर पर अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा का नाम की भी खूब चर्चा है।

गढ़वाल से चर्चा में ये हैं नाम

गढ़वाल से जिन नेताओं के नाम प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए चर्चाओं में हैं, उनमें ठाकुर नेता के तौर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत का नाम सबसे ऊपर है। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्री होने के बावजूद धन सिंह का प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नाम होने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि इससे उनका कद और ऊंचा होगा। ब्राहमण नेता के तौर पर ज्योति प्रसाद गैरोला का नाम चर्चाओं में हैं। गैरोला प्रदेश उपाध्यक्ष होने के साथ ही सरकार में दर्जाधारी हैं। वे प्रदेश संगठन महामंत्री पद पर रहे हैं और उन्हें संगठन की गहरी समझ है। 

आज होगा भाजपा के नवनिर्वाचित जिलाध्यक्षों का एलान

उत्तराखंड भाजपा के नवनिर्वाचित जिलाध्यक्षों का रविवार को एलान हो जाएगा। पिछले दो तीन दिन से पार्टी जिलाध्यक्षों के नामों पर सहमति बनाने की कसरत में जुटी थी। सभी 14 जिला संगठनों में ये कवायद पूरी हो गई है। जिलाध्यक्षों की सूची को प्रदेश मुख्यालय में अंतिम रूप दे दिया गया है।

प्रदेश संगठन प्रभारी बलवंत सिंह भौर्याल के मुताबिक, जिलाध्यक्षों का निर्वाचन आम सहमति से हो रहा है और सभी जिलों में रायशुमारी बनाने का कार्य पूरा हो चुका है। मंडल अध्यक्षों के चुनाव की तरह ही पार्टी जिला संगठनों की कमान भी युवा चेहरों के हाथों में सौंप सकती है।

हालांकि जिलाध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने आयुसीमा का कोई ठोस मानक नहीं बनाया है। लेकिन चुनाव प्रभारियों को ये निर्देश दिए गए थे कि वे युवा चेहरों को प्राथमिकता दें। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी 55 से ऊपर उन्हीं नेताओं को कमान सौंपेंगी जो अनुभवी होने के साथ ही शारीरिक रूप से सक्षम हों।
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