नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन चुका है. नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कह दिया है कि यह कानून सूबे में नहीं लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री इस कानून को भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सीधा हमला बताया है. इस बात की जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी की गई है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा है, ''नागरिकता संशोधन कानून भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला है. इस कानून को उनकी सरकार अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी.''
बता दें कि इससे पहले केरल और पश्चिम बंगाल ने साफ कर दिया है कि दोनों राज्य नागरिकता संशोधन बिल को स्वीकर नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा है कि केरल नागरिकता संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं करेगा.
सीएम पिनरई विजयन ने इस संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधारों पर बांटने की कोशिश कर रही है.
टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी पहले ही इस कानून को लेकर साफ कह चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा.
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