नई दिल्ली. आज से नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा से गुजरने वाली चार पहिया वाहन पर FASTag लगाना अनिवार्य हो गया है. केंद्र सरकार ने इस तकनीक का इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदूषण कम करने और लंबी लाइनों से निजात दिलाने के लिए कर रही है. लेकिन, इसके बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग कहां से मिलेगा और और इसके लिए कितने खर्च करने होंगे. आज हम आपको इसी से संबंधित पूरी जानकारियां देने जा रहे हैं.
क्या है फास्टैग?
यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक (Electronic Toll Collection) है जो नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर उपलब्ध है. यह तकनीक रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेन्टिफिकेशन (RFID) के प्रिंसिपल पर काम करता है. इस टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है ताकि टोल प्लाजा पर मौजूद सेंसर इसे रीड कर सके. जब कोई वाहन टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन से गुजरती है तो ऑटोमैटिक रूप से टोल चार्ज कट जाता है. इसके लिए वाहनों को रुकना नहीं पड़ता है. एक बार जारी किया गया फास्टैग 5 साल के लिए एक्टिवेट रहता है. इसे बस समय पर रिचार्ज करना पड़ता है.
आपको कैसे मिलेगा फास्टैग?
अपने वाहन के लिए फास्टैग खरीदना बड़ा ही आसान है. नई गाड़ी खरीदते समय ही डीलर से आप फास्टैग प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, पुरानी वाहनों के लिए इसे नेशनल हाईवे के प्वाइंट ऑफ सेल से खरीदा जा सकता है. इसके अलावा फास्टैग को प्राइवेट सेक्टर के बैंकों से भी खरीद सकते हैं. इनका टाइअप नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से होता है. इनमें सिंडिकेट बैंक, Axis बैंक, IDFC बैंक, HDFC बैंक, SBI बैंक, और ICICI बैंक से प्राप्त कर सकते है. आप चाहें तो Paytm से भी फास्टैग खरीद सकते हैं.
डॉक्युमेंट्स की होगी जरूरत
अगर आप किसी प्वाइंट ऑफ सेल (POS) से फास्टैग खरीद रहे हैं तो आप कुछ डॉक्युमेन्ट्स देने होंगे. आपको इन डॉक्युमेन्ट्स की ओरिजिनल कॉपी भी साथ में ले जानी होगी ताकि वेरिफाई किया जा सके. इनमें वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी, वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो और केवाईसी डॉक्युमेन्ट्स होना चाहिए. इनमें आप ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड शामिल हो सकता है. डॉक्युमेन्ट्स की जरूरतें इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपका वाहन प्राइवेट या कॉमर्शियल है.
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