नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आज "बिहार बंद" ( Bihar Bandh) का आह्वान किया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसके लिए कई दिनों से तैयारी में लगे थे और लोगों से इस बाबत समर्थन मांग रहे थे, इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता संपर्क अभियान में जुटे हुए थे।
बंद की तारीख पहले 22 दिसंबर की गई थी, लेकिन बाद में इसे एक दिन पहले यानि कि 21 दिसंबर कर दिया गया था ताकि अगले रविवार को होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा प्रभावित न हो।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इसने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैंउन्होंने ‘संविधान और न्याय के सिद्धांत में विश्वास रखने वाले' सभी राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों से बंद में भाग लेने की अपील की थी।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध- प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली से लेकर लखनऊ, अहमदाबाद, पश्चिम बंगाल, बिहार सहित कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों से आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ 19 एफआईआर दर्ज की हैं।
इससे पहले 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के विरोध में वामदलों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान पर बिहार में मिलाजुला असर रहा था।बिहार की राजधानी पटना में वामपंथी छात्र संगठनों एआईएसएफ और आईसा से जुड़े कार्यकर्ता राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर बैठ गए जिससे सुबह करीब आधे घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही थी।
वहीं पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन से सटी सड़क पर टायर जलाकर उनमें से कुछ को पटरियों पर फेंक दिया था।सडक मार्ग से गुजर रही एक एम्बुलेंस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। बंद के दौरान जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ प्रतीकात्मक तौर पर हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ी पहने पटना के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया था।
वहीं गुरुवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक बार फिर तनाव बढ़ गया था, इसके साथ ही दिल्ली गेट पर भारी तादाद में जुटे प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था। चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया था साथ ही राजीव चौक मेट्रो,खान मार्केट स्टेशन को बंद किया गया था। वहीं असम में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो गई हैं।
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