नई दिल्ली I पहले कश्मीर और अब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद भारत पर लगातार हमलावर हैं। भारत ने सबक सिखाने के लिए पहले तो मलयेशिया से पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था, मगर अब उसने प्रतिबंध का दायरा बढ़ाने का मन बनाया है। केंद्र सरकार मलयेशिया से आयात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स को भी बैन कर सकती है।
भारत का मानना है कि कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून, दोनों उसके आंतरिक मसले हैं और इन पर बोलने का मलयेशियाई प्रधानमंत्री को कोई अधिकार नहीं है। हालांकि महातिर मोहम्मद ने भी साफ किया है कि वह इसी तरह भारत के आंतरिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहेंगे। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मलयेशिया से आयात होने वाली माइक्रप्रोसेसर्स चिप को भारत टेक्निकल ग्राउंड्स पर बैन करने पर विचार कर रहा है। इन चिपों का प्रयोग टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में होता है।
सूत्रों के मुताबिक, कस्टम अधिकारियों को मलयेशिया से आने वाली माइक्रोप्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। यह शायद पहला मामला है जब भारत ने किसी देश के राजनीतिक विचारों को लेकर उस पर इस तरह के कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हों।
'कहीं कुछ गलत हो रहा है, तो बोलना होगा'
दूसरी तरफ मंगलवार को मोहम्मद महातिर ने कहा कि वह भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर चिंतित हैं, मगर वह 'गलत चीजों' के खिलाफ लगातार बोलते रहेंगे। उन्होंने कहा, 'हम भारत द्वारा पाम ऑइल पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वह हमारा एक बड़ा ग्राहक था। हालांकि बेबाकी से बोलें तो हमें चीजों पर नजर रखनी होगी और कहीं कुछ गलत हो रहा है तो बोलना भी होगा।'
भारत के बैन से मलयेशियाई बाजार में हड़कंप
उन्होंने कहा, 'अगर हम गलत चीजें होते रहने देंगे और सिर्फ पैसों के बारे में सोचेंगे, तो ऐसे ही काफी कुछ गलत होता रहेगा।' एक न्यूज एजेंसी ने बताया कि 94 वर्षीय नेता ने भारत द्वारा पाम ऑइल पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर कोई रास्ता निकालने के प्रयास शुरू किए हैं। भारत ने मलयेशिया से आने वाले पाम ऑइल को फ्री इम्पोर्ट कैटिगरी में डाल रखा था, मगर महातिर के बयानों के बाद भारत ने उसे प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया जिससे मलयेशिया में बाजार का बुरा हाल हो गया है।
जाकिर नाईक पर मलयेशिया के रुख से भी भारत नाराज
नागरिकता कानून और कश्मीर पर महातिर के बयानों के अलावा भारत जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर मलयेशिया के रुख से भी नाराज है। बता दें कि भारत का मलयेशिया के साथ करीब 17 अरब डॉलर का व्यापार संबंध है। इसमें 6.4 अरब डॉलर का निर्यात और 10.8 अरब डॉलर का आयात शामिल है।
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