देहरादून I उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वार्ता विफल होने के बाद जनरल ओबीसी कर्मचारी आज सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी करेंगे। राजधानी देहरादून में राज्य सचिवालय और विभागों व कार्यालयों के जनरल ओबीसी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रही उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सभी जनरल ओबीसी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अनिवार्य रूप से हड़ताल में शामिल हों। अपना विरोध दर्ज करने के लिए पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर के जनरल ओबीसी कर्मचारी शिक्षक सोमवार को विधानसभा का घेराव करने गैरसैंण के लिए कूच करेंगे। उनका वहां तीन मार्च को विधानसभा का घेराव करने का कार्यक्रम है।

उधर, बेमियादी हड़ताल पर प्रदेश सरकार फिलहाल चुप है। वह अब भी आंदोलित कर्मचारियों से हड़ताल न करने की अपील कर रही है। हालांकि शनिवार देर रात मुख्यमंत्री से हुई वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन सरकार बातचीत का सिलसिला बनाए रखना चाहती है। ऐसे संकेत हैं कि सोमवार को एसोसिएशन के नेताओं को फिर वार्ता के लिए बुलाया जा सकता है। हड़ताल टालने के लिए शासन के उच्चाधिकारी उनसे बातचीत कर सकते हैं।

नो वर्क नो पे लागू करने से फिलहाल परहेज

कर्मचारी आंदोलन पर एक बार नो वर्क नो पे का आदेश कड़ाई से लागू कर चुकी प्रदेश सरकार इस बार कुछ नरम है। वह जल्दबाजी में इसे लागू नहीं करना चाहती। दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने यह प्रस्ताव गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि वे बातचीत का सिलसिला बनाए रखें।

प्रभावित हो सकती है विधानसभा की कार्यवाही
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल से विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है। सचिवालय में 80 फीसदी कर्मचारी इसी वर्ग ताल्लुक रखते हैं। शून्यकाल में कार्यस्थगन के दौरान विपक्ष की सूचनाओं के जवाब तात्कालिक तौर पर तैयार कराने होते हैं। इसमें सचिवालय के समीक्षा अधिकारी से लेकर अनुभाग अधिकारी और अनुसचिवों की अहम भूमिका होती है।

सरकार सदन में असहज हो सकती है

सूचनाओं के सटीक जवाब न मिलने पर सरकार सदन में असहज हो सकती है। प्रश्नकाल के दौरान भी उसे अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर देने में परेशानी हो सकती है। विधानसभा सचिवालय के सूत्र भी यह आशंका जता रहे हैं।

हमारी बार-बार गुजारिश के बाद भी सरकार ने प्रमोशन से रोक नहीं हटाई। सोमवार से प्रदेश के सभी जनरल ओबीसी कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। सरकार फिर भी नहीं मानी तो पांच मार्च से आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। इससे जो गंभीर हालात पैदा होंगे, उसकी सारी जवाबदेही प्रदेश सरकार की होगी।
- दीपक जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन

सरकार लगातार बातचीत कर रही है। हमारा मानना है कि बातचीत से ही समस्या का समाधान निकल सकता है। हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। तीन मार्च से बजट सत्र शुरू हो रहा है। ये प्रदेश के विकास से जुड़ा मसला है। मैं आशा करता हूं कि कर्मचारी हड़ताल के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।
- मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता, उत्तराखंड सरकार
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