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केंद्रीय गृह सचिव
अजय भल्ला ने कहा कि चिकित्सकों एवं पराचिकित्सकों (पैरा मेडिकल) की अंतर-राज्यीय
आवाजाही को जहां जरूरत हो वहां सुगम बनाया जाना चाहिए।
नयी दिल्ली। केंद्र
सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान डाक्टरों और
पैरा मेडिकल स्टाफ को आवाजाही में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सरकार ने कहा है कि इन लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से कोविड और गैर-कोविड
चिकित्सा सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं। पड़ोसी राज्यों द्वारा
अंतर-राज्यीय सीमाएं बंद करने और चिकित्सा कर्मियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए
जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी समेत कुछ अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाएं
प्रभावित होने की खबरें आई हैं। सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य
सचिवों को लिखे एक पत्र में,
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि
चिकित्सकों एवं पराचिकित्सकों (पैरा मेडिकल) की अंतर-राज्यीय आवाजाही को जहां
जरूरत हो वहां सुगम
उन्होंने पत्र में
कहा, “चिकित्सा पेशेवरों और पराचिकित्सक स्टाफ की आवाजाही पर किसी तरह की
पाबंदी कोविड और गैर-कोविड चिकित्सा सेवाओं में गंभीर बाधाएं पहुंचा सकती है।” उन्होंने कहा, “इसलिए, सभी चिकित्सा
पेशेवरों की सुचारू आवाजाही जन स्वास्थ्य सेवाओं और अनमोल मानव जिंदगियां बचाने के
लिए आवश्यक है।” भल्ला ने कहा कि कई स्थानों पर निजी क्लिनिकों और नर्सिंग होम के
संचालन की अनुमति नहीं दिए जाने की खबरें आ रही हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि इन
चिकित्सा केंद्रों का चालू होना भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये रोजमर्रा
के चिकित्सा ढांचे का अभिन्न अंग हैं और अस्पतालों का बोझ कम करते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं सभी राज्यों
एवं केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे सभी क्लिनिक एवं नर्सिंग होम को बिना किसी बाधा
के काम करने देना सुनिश्चित करने की अपील करता हूं।” गृह सचिव ने कहा कि सभी राज्यों एवं
केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र के अधिकारी सभी
चिकित्सा पेशेवरों, नर्सों, पराचिकित्सकों,
सफाई कर्मी एवं एंबुलेंसों को निर्बाध
आवाजाही की अनुमति दें। वे सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम और लैब का तमाम चिकित्सा
पेशेवरों एवं कर्मियों के साथ खुलना सुनिश्चित करें। भल्ला ने रविवार को कैबिनेट
सचिव राजीव गौबा के साथ हुई बैठक का भी संदर्भ दिया जहां कुछ राज्यों एवं केंद्र
शासित प्रदेशों द्वारा चिकित्सा पेशेवरों एवं पराचिकित्सा कर्मियों की आवाजाही पर
लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया गया था। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सब जानते
हैं, चिकित्सा एवं पराचिकित्सा स्टाफ की सेवाएं कोविड-19 वैश्विक महामारी की
चुनौती से निपटने में बेहद अहम है।
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