देहरादून: लंदन और जर्मनी की तर्ज पर उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) सिस्टम विकसित किया जाएगा। देहरादून व हरिद्वार शहर के बीच पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) के तहत पॉड टैक्सी को उपयुक्त पाया गया है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अगुआई में मॉस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) का अध्ययन करने लंदन और जर्मनी गए दल ने अपनी रिपोर्ट यह संस्तुतियां की हैं। यही नहीं, इन कार्यों के तेज गति से क्रियान्वयन एवं संचालन के मद्देनजर दिल्ली भांति उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन को अधिकार दिए जाने की भी संस्तुति की गई।

कैबिनेट मंत्री की अगुआई ने राज्य के उच्चस्तरीय दल ने बीती आठ अगस्त से 14 अगस्त तक लंदन और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट व कोलोन शहरों में मॉस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को उत्तराखंड में उतारने के मद्देनजर अध्ययन किया। वापस लौटने के बाद इस दल ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिस पर रविवार को मंथन किया गया।

अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश के बीच एलआरटी प्रणाली सर्वोत्तम है। पीआरटी को सहायक प्रणाली के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है। बताया गया कि एफडब्ल्यू पावर प्रा.लि.इंडिया ने हरिद्वार में पीपीपी मोड पर पीआरटी प्रणाली स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इससे हरिद्वार में आने वाले यात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए मुख्य जगहों को रेलवे व बस स्टेशन से भी जोड़ा जाएगा।

यह भी कहा गया है कि रोपवे प्रणाली को वर्तमान में देहरादून में एलआरटी के लिए सहायक प्रणाली के रूप में चिह्नित कर छोटे स्ट्रेच पर प्रयोग के तौर पर संचालित किया जा सकता है। हरिद्वार में गंगा नदी के आर-पार भी इसे बनाया जा सकता है। रिपोर्ट में ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन की भांति उत्तराखंड मेट्रो रेल, शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण लि. को राज्य के परिवहन संसाधनों से संबंधित प्रोजेक्ट मेट्रो रेल, एलआरटी, पीआरटी, रोपवे, मोनो रेल स्काई बस के निर्माण व कार्यदायी संस्था नामित किए जाने की संस्तुति भी की गई है।

क्या है पॉड टैक्सी

अध्ययन दल ने हरिद्वार व देहरादून में पीआरटी प्रणाली पर जोर दिया है। इसके प्रत्येक कोच में चार से छह लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। कोच को पॉड कहा जाता है। चालक रहित यह प्रणाली प्रत्येक कोच व पूरे ट्रैक पर स्थापित लेजर बेस्ड गाइडिंग के आधार पर संचालित होती है। इस प्रणाली में बनने वाले प्लेटफार्म पर लोग टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल पर गंतव्य का स्थान डालेंगे और दो मिनट के भीतर पॉड वहां आ जाएगा।

ये थे अध्ययन दल में शामिल

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक करन माहरा, आदेश चौहान, चंदन रामदास, मनोज रावत, सुरेंद्र सिंह जीना व पूरन सिंह, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव आवास नितेश कुमार झा, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी व मुख्य अभियंता एनएस रावत।

अध्ययन दल ने रिपोर्ट तैयार कर ली है

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि अध्ययन दल ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इस पर रविवार को मंथन भी हुआ। अब जल्द ही अध्ययन रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
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