देहरादून I तीन दिवसीय देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल नई पीढ़ी को किताबों से मुहब्बत का पैगाम देगा। स्कूली छात्र-छात्राओं और युवाओं को डिजिटल वर्ल्ड से वापस किताबों की तरफ लौटाने पर फोकस किया गया है। यही कारण है कि फेस्टिवल में युवाओं को ध्यान में रखते हुए कई सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। अमर उजाला इस आयोजन का मीडिया पार्टनर है।
पहले दिन उद्घाटन के बाद पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड स्कूली बच्चों से संवाद करेंगे। रस्किन बॉन्ड का ज्यादातर लेखन बच्चों के लिए है। बच्चे उनसे बातचीत करना चाहते हैं, जिसका उन्हें यहां अवसर मिलेगा। अगले सत्र में बॉन्ड स्कूल हेड से संवाद करेंगे, जिसमें साहित्य को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा होगी। दूसरे दिन कर्नल (सेनि) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ दोपहर एक से दो बजे तक यूथ एंड एक्सपेक्टेशन सत्र में संजय अरोड़ा से बातचीत करेंगे।
यह सत्र भी पूरी तरह युवाओं के लिए समर्पित है। अंतिम दिन कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर परिचर्चा होगी। इसमें तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल (सेनि) वीपी मलिक, ब्रिगेडियर ओपी यादव और लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक किनी भी शामिल रहेंगे। दोनों पूर्व सैन्य अधिकारी भी कारगिल में सेवाएं दे चुके हैं। रचना बिष्ट इस सत्र का संचालन करेंगीं।
तीन दिन में होंगे कुल 45 सत्र
तीन दिन के फेस्टिवल में कुल 45 सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहले दिन शुक्रवार को उद्घाटन समेत कुल छह सत्र होंगे। दूसरे दिन शनिवार 12 अक्तूबर को सुबह 10 बजे से शाम आठ बजे तक 22 सत्र आयोजित किए जाएंगे। अंतिम दिन रविवार 13 अक्तूबर को सुबह 10 बजे से शाम आठ बजे तक 17 सत्र होंगे। इस दौरान कई किताबों का विमोचन और पुस्तकों पर चर्चा होगी। साथ ही साहित्य और लेखन से जुड़े सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। अंग्रेजी साहित्य के साथ ही हिंदी कविता और लेखन पर भी चर्चा होगी।
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