नई दिल्ली : गुरुवार यानि 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा से युक्त विधानसभा से युक्त केंद्रशासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। केंद्रशासित प्रदेश बनने से इन दोनों जगहों की प्रशासनिक एवं राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव होगा। अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देते थे। केंद्र सरकार के कानून एवं कल्याणाकारी योजनाएं यहां लागू नहीं हो पाती थीं। अनुच्छेद 370 के चलते जम्मू-कश्मीर के नागरिक केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित रह जाते थे लेकिन अब केंद्र की सभी योजनाएं उन तक पहुंचेंगी। जम्मू-कश्मीर देश के अन्य राज्यों की तरह विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर में व्यापार और कारोबार के नए अवसर खुलेंगे। कश्मीर अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपने हथकरघा उद्योगी, पर्यटन और बागवानी उद्योग के लिए भी मशहूर है। अब इन क्षेत्रों में बाधा रहित विकास होगा। जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता था लेकिन अब उन्हें यह लाभ मिल पाएगा। केंद्र द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं में उन्हें हिस्सेदारी मिलेगी। अल्पसंख्यक लोगों को वहां शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, आयुष्मान और मनरेगा में अवसर बढ़ेंगे।
केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं
- आयुष्मान भारत योजना
- प्रधानमंत्री जन धन योजना
- स्वच्छ भारत अभियान
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
- अटल पेंशन योजना
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- स्टैंड अप इंडिया स्कीम
- सुकन्या समृद्धि योजना
- मुद्रा बैंक योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
- किसान विकास पत्र
- कृषि बीमा योजना
- प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना
- स्वायल हेल्थ कार्ड स्कीम
- इंद्रधनुष योजना
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना
- महात्मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना
- उड़ान प्रोजेक्ट
जम्मू-कश्मीर में विकास का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहा है। केंद्रीय कानूनों के अभाव में वहां की व्यवस्था में भ्रष्टाचार ने अपनी जगह बना ली जिसकी तरफ इशारा गृह मंत्री अमित शाह कर चुके हैं। अब केंद्रीय कानूनों के जरिए जम्मू-कश्मीर में होने वाले भ्रष्टाचार पर सख्ती से नकेल कसी जा सकेगी। अपराध की सजा के लिए वहां रणीर दण्ड संहिता लागू थी अब उसकी जगह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं लागू होंगी। जम्मू-कश्मीर में अब तक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी प्रॉपर्टी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) एक्ट लागू होंगे। अब ये कानून वहां प्रभावी होंगे और इनके जरिए भ्रष्टाचार एवं आर्थिक अपराधों पर लगाम लगेगी।
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