नागपुर : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए प्रचार करने नागपुर पहुंची बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले अपना धर्म परिवर्तन किया था। धार्मिक परिवर्तन को लेकर आप मेरे बारे में भी सोच रहे होंगे। मैं निश्चित रूप से बौद्ध धर्म (Buddhism) की अनुयायी बनने के लिए 'दीक्षा' लूंगी लेकिन समय सही होने पर ही ऐसा करूंगी।
मायावती ने कहा कि जब देश भर में लोग बड़ी संख्या में परिवर्तित हो जाएंगे। ऐसा धार्मिक परिवर्तन तभी संभव है जब बाबासाहेब के अनुयायी राजनीति में भी उनके नक्शेकदम पर चलेंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि हाल ही में आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने एक बयान में कहा था कि इस देश में मुस्लिम खुश हैं क्योंकि भारत एक हिंदू राष्ट्र है। बीएसपी इस बयान से सहमत नहीं है। आरएसएस प्रमुख को इस तरह का बयान देने से पहले सच्चर समिति की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। जस्टिस राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट तैयार की गई थी।
मायावती ने कहा कि हम आरएसएस प्रमुख के हिंदू राष्ट्र के बयान से सहमत नहीं हैं। क्योंकि बाबासाहेब आंबेडकर ने सिर्फ हिंदुओं को ध्यान में रखकर संविधान नहीं तैयार किया था। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था।
मायावती ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है न कि हिंदू राष्ट्र है। गौर हो कि विजयदशमी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि भारत हिन्दुस्तान है और हिंदू राष्ट्र है।

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