उत्तरकाशी। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से पांच किमी दूर भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी के पास देश का पहला न्यू जनरेशन ब्रिज बनने जा रहा है। यह वर्तमान बेली ब्रिज का स्थान लेगा। 70 टन से अधिक भार क्षमता का 190 फीट लंबा यह पुल डबल लेन होगा और पक्के मोटर पुल की तरह की काम करेगा। अभी तक इस तरह के पुलों का निर्माण विदेशों में ही होता आया है। पुल के निर्माण को कोलकाता से एंगल, प्लेट व कलपुर्जे पहुंचने लगे हैं। जिन्हें कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी इस पुल को अपने पहले मॉडल के रूप में लेगी।
बेली ब्रिज की भार क्षमता कम होती है। साथ ही वह सिंगल लेन ही होता है। नतीजा उससे भारी वाहन नहीं गुजर पाते। गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी के पास असी गंगा नदी पर बने बेली ब्रिज के साथ भी यही समस्या आ रही है। इसी के मद्देजनर स्थायी समाधान के लिए कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कंपनी ने नए पुल का डिजाइन और उसके कलपुर्जे भी तैयार किए हैं। इन दिनों यह सामान गंगोरी पहुंचाया जा रहा है। जीआरएसई कंपनी ने इस प्रस्तावित पुल को 'न्यू जनरेशन ब्रिज' नाम दिया है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) शिवालिक परियोजना (ऋषिकेश) के मुख्य अभियंता एएस राठौर ने बताया कि अपनी तरह का यह देश का पहला ब्रिज होगा। साथ ही यह बेली ब्रिज की तुलना में हल्का भी होगा, लेकिन इसकी भार क्षमता पक्के मोटर पुल की तरह ही होगी। डबल लेन होने के कारण इस पर आसानी से वाहन भी पास हो सकेंगे। बताया कि इस पुल को जोड़ने की तकनीक बेली ब्रिज की तरह ही होगी और महज 30 दिनों के अंतराल में इसे तैयार किया जा सकेगा।
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