नई दिल्ली.  इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से लेकर बड़े वित्तीय लेनदेन तक के लिए पैन नंबर की जरूरत होती है. लेकिन, कई बार होता है कि कोई फॉर्म भरते वक्त पैन नंबर गलत हो जाता है. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि आप ये नंबर सावधानी से भरें. नियमों के मुताबिक, अगर आपने किसी फॉर्म में गलत पैन नंबर दे दिया है तो इसके लिए आपको 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के 1961  के सेक्शन 272B के तहत, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट गलत पैन नंबर देने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा सकता है.

इन जगहों पर पैन नंबर की जरूरत होती है
आयकर विभाग का यह नियम तब लागू होता है जब कोई आयकर रिटर्न दाखिल करने वक्त या फिर बड़े वित्तीय लेनदेन के लिए गलत पैन नंबर दे देता है. वर्तमान में, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास कम से कम 20 ऐसे मामलों की लिस्ट है जहां पैन नंबर देना अनिवार्य है. इसमें बैंक अकाउंट खोलने, वाहन खरीदने, म्यूचुअल फंड खरीदने, शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर आदि शामिल है. आपको यह भी बता दें कि एक बार पैन कार्ड जारी होने के बाद आप इसके लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकते हैं. पैन कार्ड एक ही बार बनता है जोकि जीवनभर के वैध होता है.

पैन की जगह आधार नंबर से भी बन सकता है काम
कई जगहों पर फॉर्म में पैन नंबर भरने के बाद भी पैन कार्ड की फोटोकॉपी मांगी जाती है. क्योंकि, अगर आपने अनजाने में गलत पैन नंबर भर दिया है तो फोटोकॉपी के साथ इसे सत्यापित किया जा सकता है. बता दें कि अगर आप पैन कार्ड भूल भी गए हैं तो इसकी जगह आप आधार नंबर भी दे सकते हैं. हाल ही में सरकार ने कहा है कि पैन नंबर की जगह आधार नंबर भी दिया जा सकता है. लेकिन, यहां भी आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर आपने गलत आधार नंबर दे दिया तो इसके लिए भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, बड़े लेनदेन में अगर पैन या आधार नंबर का जिक्र नहीं है तो भी इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है.

2 पैन होना पर भी लगेगा जुर्माना
टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक पैन रखने की अनुमति नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 272B के तहत अगर किसी के पास एक से अधिक पैन है तो इसके लिए भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आपके पास 2 पैन कार्ड है तो इसमें से एक टैक्स डिपार्टमेंट को सरेंडर कर दिया जाए. अगर पैन कार्ड और आधार कार्ड लिंक नहीं है तो 31 दिसंबर 2019 के बाद इसे अवैध घोषित किया जा सकता है.
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