नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम में जगह पाने के लिए कुछ को सालों संघर्ष करना पड़ता है तो कुछ को जल्दी मौका भी मिल जाता है। मेहनत के साथ संयम ही वो फॉर्मूला है जो आपको उस शीर्ष स्तर तक पहुंचा सकता है। इसके साथ ही अगर किसी सही इंसान की नजरें आप पर पड़ जाएं, तो फिर बात ही क्या। रविवार को विश्व रिकॉर्ड टी20 आंकड़े और ऐतिहासिक हैट्रिक लेने वाले दीपक चाहर का करियर भी ऐसा ही रहा। उन्होंने ये सफलता 27 साल की उम्र में हासिल की है। उनको आखिरकार संघर्ष का फल मिल गया और उन पर एक सही इंसान की नजर पड़ी थी, जिसने उनका करियर बदल कर रख दिया। वो हैं महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)।

घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले नैसर्गिक स्विंग गेंदबाज दीपक चाहर समझ गए थे कि उन्हें सीमित ओवरों के क्रिेकेट में मौका मिल सकता है और उस समय चीजें बदल गई जब कुछ साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स टीम में देखा। धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से पिछले दो सत्र में चाहर का बेहतरीन इस्तेमाल किया जिससे यह तेज गेंदबाज राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के दावेदारों में शामिल हो गया।

आईपीएल 2018 में 10 विकेट चटकाने के बाद चाहर ने इस साल 22 विकेट चटकाए और वह इंग्लैंड में भारत की विश्व कप टीम में स्टैंडबाई खिलाड़ियों में शामिल थे। घरेलू क्रिकेट में चाहर को काफी खेलते हुए देखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर दीप दासगुप्ता का मानना है कि बदलाव 2019 आईपीएल में आया।

दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘दीपक को हमेशा से पता था कि लाल गेंद को कैसे स्विंग कराया जाता है। लेकिन 2018 में ड्वेन ब्रावो के नहीं होने के कारण महेंद्र सिंह धोनी ने उसे पावरप्ले और डेथ ओवरों में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। यह टर्निंग प्वाइंट था।’ इस पूर्व टेस्ट विकेटकीपर ने कहा, ‘उसने स्विंग के अनुकूल हालात नहीं होने पर भी गेंदबाजी करना सीखा। उसने बल्लेबाज से दूर यार्कर और धीमी गेंद फेंकना सीखा।’

धोनी ने अपने करियर के दौरान कई युवा खिलाड़ियों को तराशा और दीपक चाहर भी उनमें से एक हैं। आजकल धोनी खुद तो मैदान से दूर हैं लेकिन उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक ऐसा खिलाड़ी जरूर तैयार कर दिया है जो अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए चयनकर्ताओं के सामने सुनहरे विकल्प के रूप में आया है।
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