देहरादून I जिला आबकारी अधिकारी की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। शराब की दुकानों के आवंटन में भारी अनियमितताओं समेत उन पर कुल 44 आरोप तय किए गए हैं। आरोप है कि देशी-विदेशी मदिरा की कई दुकानों का राजस्व ही जमा नहीं कराया है। इस तरह उन पर लगभग नौ करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं बरतने के आरोप हैं। आबकारी मुख्यालय ने उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को आरोपपत्र प्रेषित कर दिया है।
मामला 2017-18, 2018-19 से लेकर वर्तमान तक का है। गत 23 सितंबर को अपर आयुक्त आबकारी को जिला आबकारी अधिकारी देहरादून व उनके अधीनस्थ देशी व विदेशी मदिरा की दुकानों के राजस्व संबंधी जांच सौंपी गई थी। अपर आयुक्त ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी है। जांच में गंभीर वित्तीय और अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं।
जांच में आया है कि उन्होंने दुकानों के आवंटन में बेहद अनियमितताएं बरती हैं। जिन दुकानों को सस्पेंड किया जाना था उनके सस्पेंशन में देरी करते हुए लाखों के राजस्व का चूना लगाया गया। इसके साथ ही बड़ी-बड़ी दुकानों पर ओवररेटिंग के मामलों को भी नजरअंदाज किया गया है। जहां तक वित्तीय अनियमितताओं की बात है तो यह लगभग नौ करोड़ रुपये के आसपास है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2019-20 में आयुक्त कार्यालय द्वारा विभिन्न जांचों से जिला आबकारी अधिकारी मनोज कुमार उपाध्याय को अवगत कराया गया लेकिन उनके द्वारा न ही राजस्व जमा कराया गया और न ही अनियमितताओं का निराकरण किया गया। इस तरह कुल 44 आरोप जिला आबकारी अधिकारी पर तय किए गए हैं।
तीन करोड़ सिर्फ ब्याज ही ब्याज
जो वित्तीय अनियमितताएं बताई जा रही हैं उनका तीन करोड़ रुपये तो सिर्फ ब्याज ही ब्याज है। ऐसे में गंभीर मामलों में जिला आबकारी अधिकारी द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया है। इनमें रायवाला, डोईवाला आदि जगहों की दुकानों के मामले प्रमुख हैं। जिन दुकानों की आरसी जारी कराने के लिए कहा गया था उनमें भी अधिकारी की ओर से लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है।
जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ जो जांच की गई थी। उसके आधार पर आरोपपत्र शासन को प्रेषित किया जा चुका है, ताकि उन पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा सके।
- सुशील कुमार, आयुक्त आबकारी
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