देहरादून। विधानसभा सत्र के पांचवें और अंतिम दिन मंगलवार को बहुचर्चित उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम विधेयक पारित हो गया। विधेयक में संशोधन कर पहले जोड़े गए श्राइन शब्द की जगह देवस्थानम को रखा गया। कांग्रेस का विधेयक प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव सदन में बहुमत से गिर गया। विरोध में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

इससे पहले विधेयक पर करीब दो घंटे तक चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सत्तापक्ष के विधायकों ने विधेयक में चार धाम के साथ श्राइन शब्द पर आपत्ति की। इसके बाद श्राइन शब्द के स्थान पर देवस्थानम किए जाने के संशोधन प्रस्ताव को बहुमत से मंजूरी दी गई। मंगलवार देर शाम करीब छह बजे विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 

भोजनावकाश के बाद विधानसभा में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड चार धाम श्राइन प्रबंधन विधेयक को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह समेत सदन में मौजूद विपक्षी विधायकों ने विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने और एक महीने बाद समिति की रिपोर्ट सदन को सौंपने का प्रस्ताव पेश किया। मत विभाजन में यह प्रस्ताव गिर गया। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि चार धामों के प्रबंधन से जुड़े इस मामले में सभी पक्षों को विश्वास में लिया जाए। इसे जल्दबाजी में पारित कराने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
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