नागपुर : नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जहां पूरे देश में उबाल है, वहीं इस पर शिवसेना के रुख को लेकर बार-बार सवाल किए जा रहे हैं। पार्टी ने जहां लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन किया, वहीं राज्यसभा में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इसमें स्पष्टता नहीं है। अब यही बात महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी कही है।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम स्पष्ट नहीं है और लोकसभा में शिवसेना ने इस संबंध में जो भी सवाल किए थे, उसका जवाब नहीं मिला। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग हमारे देश आएंगे और वे कहां से आएंगे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ऐसे लोग आखिर भारत आने पर रहेंगे कहां।
शिवसेना प्रमुख ने इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा था कि इस अधिनियम के जरिये पूरे देश में गलत संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में सुप्रीम में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और कुछ याचिकाएं दायर किए जाने की बात कही जा रही है। इन पर शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद ही उनकी पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद से ही देशभर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। पूर्वोत्तर के अमूमन सभी राज्य उबल रहे हैं तो असम में इसका खास असर देखा जा रहा है। वहीं देश के अन्य हिस्सों में भी इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसकी आंच दिल्ली तक भी पहुंच गई है, जहां छात्रों ने इसके विरोध में बड़ा मार्च निकाला।
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