कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भी झुलसा रहा है. पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से दो टूक कहा है कि अगर वह राज्य में एनआरसी और सीएए लागू करना चाहते हैं तो उन्हें मेरी लाश से गुजरना होगा.
CAA के विरोध में पहली बार सड़क पर उतरा कोई मुख्यमंत्री
पश्चिम बंगाल में राजधानी कोलकाता समेत विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की सलाह की अनदेखा कर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ रैली निकाली और केंद्र को उनकी सरकार को बर्खास्त करने की चुनौती दी. बनर्जी एक मात्र ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो नये नागरिकता कानून का भरपूर विरोध करते हुए सामने आयीं और सड़कों पर उतरीं.
मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी- ममता
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘जब तक मैं जिंदा हूं ,मैं एनआरसी और नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी. आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें या मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी. जब तक यह कानून निरस्त नहीं कर दिया जाता मैं संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखूंगी. अगर वे बंगाल में उसे लागू करना चाहते है. तो उन्हें मेरी लाश पर ऐसा करना होगा.’’
राज्य में 6 जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन
ममता बनर्जी का आज और कल भी ऐसी ही कई रैलियां निकालने का कार्यक्रम है. राज्य के छह जिलों मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तरी 24 परगना जिले और दक्षिण 24 परगना जिले के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं जहां संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के चलते आम जनजीवन पटरी से उतर गया है. नादिया और वीरभूम जिलों से हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएं सामने आयी हैं.
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