देहरादून I उत्तराखंड शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री से नियुक्तियों के मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। रुद्रप्रयाग के 11 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन शिक्षकाें के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति की गई है। जाहिर है कि इन शिक्षकों ने यूपी में सक्रिय गैंग से सांठगांठ कर यह फर्जीवाड़ा किया है।
प्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री से असली नौकरी पाने के पूरे खेल का भंडाफोड़ ‘अमर उजाला’ ने ही किया था। खुलासे के बाद 35 शिक्षकाें को बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में शासन ने अमर उजाला की मुहिम का संज्ञान लेकर विस्तृत जांच के लिए सीबीसीआईडी की एएसपी श्वेता चौबे की अगुवाई में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी की जांच प्रभावित करने में भी कसर बाकी नहीं छोड़ी गई। श्वेता चौबे ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के सामने पहुंचकर शिक्षा विभाग के असहयोग की शिकायत की तो विभागीय अधिकारी हरकत में आए, तब जाकर शिक्षकों के प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए गए। तब से शिक्षकों की अमान्य डिग्री मिलने का सिलसिला जारी है।
ताजा मामला रुद्रप्रयाग जिले के शिक्षकों का है। एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने 23 शिक्षकों की बीएड की डिग्रियों को सत्यापन के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी भेजा था। लंबे समय तक जवाब नहीं मिलने पर आईपीएस मिश्रा ने स्पेशल मेसेंजर को यूनिवर्सिटी भेजा था, जहां पर शिक्षक माया, वीरेन्द्र सिंह, महेन्द्र, सिंह, संगीता, मोहनलाल, कांति प्रसाद भट्ट, जगदीश लाल, राकेश सिंह, विजय सिंह, भवानी लाल और कौशल नरेश राणा की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
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