देहरादून । भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम व एनआरसी का संयुक्त विरोध करने के लिए देहरादून में बनाए जा रहे संयुक्त मोर्चा में शामिल होने को लेकर कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि वे पार्टी स्तर पर बातचीत करने के बाद ही कोई फैसला करेंगे। इतना जरूर है कि सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर 21 जनवरी को बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए उन्होंने हामी भर दी है।
सीएए और एनआरसी के विरोध को धार देने के लिए साझा मोर्चा बनाने की पहल कांग्रेस केंद्रीय स्तर पर कर रही है। देहरादून में प्रदेश कांग्रेस को यह मौका बैठे बिठाए ही मिल गया है। वामपंथी संगठनों के साथ ही कई गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक में संयुक्त मोर्चा बनाना तय किया गया है। इस मुहिम से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी प्रत्यक्ष रूप जुड़े हुए हैं।
यह तय किया गया था कि विरोध को तीखा करने के लिए इस मोर्चे का विस्तार किया जाए और इसमें सपा, बसपा के साथ ही क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को भी शामिल किया जाए। मोर्चा के पदाधिकारियों की कोशिश है कि प्रमुख विपक्ष दल कांग्रेस इसमें मुख्य रूप से शामिल हो। इसको लेकर मोर्चे के नेता बाकायदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से भी मिले थे। मोर्चा अब 21 जनवरी को सभी दलों की बैठक आयोजित कर रहा है और इसकी कोशिश है कि 30 जनवरी को देहरादून में विशाल प्रदर्शन किया जाए।
दूसरी ओर, प्रीतम सिंह इस मामले को लेकर अभी कोई फैसला नहीं कर पाए है। शनिवार को प्रीतम सिंह ने कहा कि वे 21 जनवरी की बैठक में शामिल होंगे। जहां तक सीएए और एनआरसी के विरोध में कांग्रेस के खुलकर सामने आने का सवाल है, उस पर पार्टी पदाधिकारियों से बात करके फैसला लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस फिलहाल उन मुद्दों की तलाश में हैं, जिनसे प्रदेश सरकार को घेरा जा सके। सीएए और एनआरसी में प्रदेश सरकार पर सीधे चोट करने की संभावना कम ही है।
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