देहरादून। सीमा की निगहबानी में तैनात दून का एक लाल पाकिस्तान सीमा पर लापता हो गया है। बताया जा रहा है कि 11 गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी कश्मीर के गुलमर्ग में गश्त के दौरान बर्फ में फिसल गए। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। आशंका जताई जा रही है कि वह पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए हैं। सेना उनकी तलाश कर रही है, लेकिन मौसम खराब होने और सीमा पर तनाव के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।
देहरादून के अंबीवाला स्थित सैनिक कॉलोनी निवासी हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बीती नौ जनवरी से लापता हैं। सेना ने स्वजनों को इसकी सूचना दी तो घर में कोहराम मच गया। घर पर हवलदार राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी देवी और उनके तीन बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। राजेंद्र के माता-पिता चमोली जिले में गैरसैंण के पास पंजियाणा में रहते हैं। 36 वर्षीय राजेंद्र चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके पिता रतन सिंह नेगी पैतृक गांव में ही चाय की दुकान चलाते हैं, जबकि, उनकी माता भागा देवी और तीन भाई भी गांव में ही रहते हैं। राजेंद्र सिंह के दो बेटियां अंजलि और मीनाक्षी आठवीं और चौथी कक्षा में पढ़ती हैं। जबकि बेटा प्रियांश छठी कक्षा में है।
आठ जनवरी को हुई थी पत्नी से बात
11 गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी बीते अक्टूबर में ही छुट्टी बिताकर लौटे थे। तब से वह गुलमर्ग में ही तैनात हैं। छुट्टियों में उन्होंने बच्चों के साथ बच्चों को घुमाने के साथ ही खरीदारी भी करवाई थी। जाते समय बच्चों ने उन्हें जल्द ही फिर से छुट्टी आने को भी कहा था। लापता होने से एक दिन पहले यानी आठ जनवरी को उनकी अपने बच्चों और पत्नी से फोन पर बात हुई थी।
सैन्य अफसर परिजनों के संपर्क में
गढ़वाल राइफल के सैन्य अधिकारी लगातार हवलदार राजेंद्र सिंह की पत्नी से संपर्क साधकर उन्हें सूचनाएं दे रहे हैं। यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर ने ही राजेश्वरी देवी को उनके पति के लापता होने की सूचना दी। बताया गया कि नौ जनवरी को सुबह करीब 11 बजे गुलमर्ग में पाकिस्तान सीमा के पास पैदल पैट्रोलिंग के दौरान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का बर्फ में पैर फिसल गया और वे रपटकर सीमा पार पहुंच गए। कमांडिंग ऑफिसर ने राजेश्वरी को भरोसा दिलाया है कि सेना उनके पति की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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