देहरादून। 2022 में होने वाली चुनावी जंग में सरकार को विपक्ष की कड़ी चुनौती मिलना तय है। इसका पूरा अहसास त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को है। अपना चौथा बजट पेश करने जा रही सरकार ने इस चुनौती को ध्यान में रखकर बजट अभिभाषण से सधे ढंग से शुरुआत की है। विपक्ष की रणनीति भांपने की कोशिश में जुटी सरकार ने जवाबी प्रहार में ई-गवर्नेंस व डिजिटल तकनीक के जरिए सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को आगे भी प्राथमिकता में रखा। साथ में किसानों, महिलाओं, कारोबारियों, युवाओं, दिव्यांगों, वृद्ध, निराश्रित समेत सभी तबकों को भरोसा बंधाया है। सभी सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर, फर्नीचर व अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने, उद्योगों व स्टार्टअप के लिए पुरसुकून माहौल बनाकर रोजगार व स्वरोजगार जैसे लक्ष्य निर्धारित कर सरकार ने भावी जंग के लिए अभी से कमर कसने के संकेत दे दिए है।
तीन साल पूरे करने जा रही त्रिवेंद्र सरकार का फोकस ई-गवर्नेंस पर ज्यादा है। बीते एक वर्ष में सरकार ने यह कार्य और शिद्दत से किया है। राज्यपाल अभिभाषण में सरकार ने अपनी आगे की योजना का खाका सामने रखा है। दरअसल, छोटे राज्य में विषम परिस्थितियां विकास योजनाओं की राह में भी अड़ंगा साबित हो रही हैं। ऐसे में डिजिटल तकनीक सरकारी कामकाज में तेजी लाने के साथ ही उनकी मॉनीटरिंग में भी मददगार साबित हो रही है। यह तकनीक ही अब सुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रियता के मामले में सरकार की ढाल भी बन गई है।
बेरोजगारी के मोर्चे पर विपक्ष लंबे अरसे से सरकार को घेर रहा है। इसका जवाब राज्य में पूंजी निवेश को लेकर बढ़ रहे उत्साह और नए उद्योगों के जरिए आने वाले रोजगार को सामने रखकर दिया गया। इसके साथ ही विकास को लेकर अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को भी अभिभाषण में तरजीह दी गई है। राज्य स्तर पर सतत विकास लक्ष्य-2030 निर्धारित कर चुकी सरकार ने अब जिलों पर फोकस किया है। जिलों को भी गरीबी उन्मूलन, शिशु मृत्युदर, कुपोषण समेत तमाम मानकों को पूरा कर विकास की कार्ययोजना तय करने को कहा गया है। अगले वित्तीय वर्ष में यह कार्य सरकार की प्राथमिकता में रहेगा।
केंद्र की मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में किसानों की आय दोगुना करने, सबको आवास, पानी और सुचारू बिजली आपूर्ति के साथ ही ऊर्जा के वैकल्पिक उपायों को बढ़ावा देने वाली केंद्रपोषित योजनाओं को राज्य सरकार ने अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया है।
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