भराड़ीसैंण । उत्तराखंड सरकार के तमाम दावों के बावजूद भराड़ीसैंण में सरकार व्यवस्थाओं को पूरी तरह से नहीं सुधार सकी। विधानसभा परिसर में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से फेल रहा। आलम ये है कि खराब साउंड सिस्टम के कारण सदन में जो बोला जा रहा था, उसे दर्शक तो दूर विधायक तक नहीं समझ पा रहे थे। यहां तक विधानसभा अध्यक्ष को भी एक बार यह तस्दीक करनी पड़ी कि साउंड सिस्टम काम कर रहा है और उनकी बात सब तक पहुंच रही है। 
भराड़ीसैंण में बजट सत्र के आयोजन से पहले सरकार ने कई तरह के दावे किए थे। इसमें लोगों के ठहरने के पर्याप्त इंतजाम, बेहतर मोबाइल नेटवर्क और शानदार विधान भवन में बेहतरीन सदन की कार्रवाई का नजारा पेश होना शामिल था। स्थिति इसके ठीक उलट रही। जगह की कमी के कारण लोग इधर उधर भटकते रहे।

व्यवस्था इतनी चरमरा गई थी कि एक आला अफसर की विधानसभा अधिकारियों से कमरों को लेकर खासी नोंकझोंक हुई। सबसे बड़ी समस्या विधान भवन के साउंड सिस्टम को लेकर सामने आई।

सदन में माइक से निकली आवाज इतनी गूंज रही थी कि किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या बोला गया। हालत ये थी कि विधानसभा अध्यक्ष को साउंड सिस्टम संभाल रहे कर्मियों से व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश देने पड़े। बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे। 

एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा कहावत उस समय हकीकत में बदली जब लोगों ने पीने के लिए पानी की तलाश करनी शुरू की। प्लास्टिक पर प्रतिबंध के कारण विधानसभा में पानी की प्लास्टिक की बोतलें हटा दी गई थी।
 
सरकार का दावा था कि यहां आरओ का पानी मिलेगा लेकिन लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिला। अफसरों के लिए अलग से आरओ, चाय, काफी का इंतजाम किया गया है। इससे सदन की कार्रवाई देखने आए दूरदराज के लोगों को एक गिलास पानी के लिए भटकना पड़ा।

भराड़ीसैंण तो छोड़िए आसपास के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क न होने से लोग खासे परेशान दिखे। किसी भी मोबाइल नेटवर्क का सिग्नल नहीं आने से लोगों की बात नहीं हो पा रही थी। राहत सिर्फ इतनी थी कि विधान भवन के अंदर वाई फाई कुछ हद तक काम कर गया।
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