लॉकडाउन में स्कूल बंदी के बावजूद फीस
बढ़ोतरी और नौकरी से निकाले जाने की शिकायतें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच
गईं। पीएमओ ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से मिली शिकायतें सरकार को भेज कार्रवाई
को कहा है।
इस पत्र के बाद हरकत में आए शिक्षा
विभाग ने दून, हरिद्वार, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, यूएसनगर के सीईओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशक
आरके कुंवर ने इस बाबत सीईओ को पीएमओ का पत्र और सभी मामले भेजे हैं।
मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान सरकार
ने स्कूलों के फीस वसूलने पर रोक लगा दी थी। लेकिन, कुछ समय बाद छूट दे दी गई कि
सामर्थ्यवान लोग चाहें तो फीस दे सकते हैं। लेकिन स्कूल अपने स्तर से फीस के लिए
अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाएंगे।
साथ ही ट्यूशन फीस ही ली जा सकेगी।
मगर, कुछ अभिभावकों ने राज्य सरकार के साथ ही पीएमओ से शिकायत की है कि, स्कूल आदेशों का
उल्लंघन कर रहे हैं। एक स्कूल के छात्र ने लिखा है कि लॉकडाउन की वजह से हमारे
स्कूल नहीं खुल रहे हैं। मेरे पिता को तो आजकल काम भी नहीं मिल रहा है। जबकि स्कूल फीस
जमा कराने के लिए कह रहा है।
कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने की शिकायत की
देहरादून। कुछ स्कूलों के कर्मचारियों ने वेतन न मिलने की शिकायत भी की है। एक ई-मेल में कहा गया कि स्कूल प्रबंधन सक्षम होने के बावजूद शिक्षक, कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहे हैं। यह भी बताया गया कि इससे उनके सामने परिवार के पालन-पोषण का संकट भी खड़ा हो गया है। शिक्षा मंत्री ने स्कूल स्टाफ का वेतन जारी करने का आदेश भी दिया है, लेकिन कई जगह इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
निजी स्कूल फीस के लिए अभिभावकों पर
दबाव नहीं बना सकते। जो अभिभावक सक्षम हैं वो एक-एक महीना करते हुए फीस दे सकते
हैं। फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जा रही है। यदि कोई स्कूल
फीस और महंगी किताबों के लिए दबाव बनाए तो तत्काल उसकी शिकायत डीएम और सीईओ से की
जाए।
अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री
अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री
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