देहरादून: सोशल मीडिया पर चल रहे एक गढ़वाली गीत ने प्रदेश में सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। इस गीत में जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निशाने पर लिया गया है, वहीं सरकार के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। यही नहीं, विजुअल के रूप में आपत्तिजनक कार्टून भी डाले गए हैं। भाजपा ने इस वीडियो को मुख्यमंत्री के खिलाफ षड्यंत्र करार दिया है। साथ ही मामले में कानूनी कार्रवाई पर भी पार्टी विचार कर रही है।

'हटा यीं आंचल मुंडा कू' नाम से बने इस गीत में राज्य की आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि गांव-गांव में शराब के ठेके खोल दिए गए हैं। निरंतर हो रहे पलायन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि घर के लोग बाहर हो रहे हैं और बाहर के भीतर। ऐसे सवालों को लेकर सियासत पर हथोड़ा चलाया गया है और कहा गया कि राजनीति की चाल ने सबकुछ तितर-बितर कर दिया है।

यहां तक तो ठीक है, लेकिन वीडियो में मुख्यमंत्री का फोटो दिखाते हुए गीत के बोल में उन्हें लेकर अभद्र शब्दों का उपयोग कर कटाक्ष किया गया है। यही नहीं, कुछेक आपत्तिजनक कार्टून भी वीडियो में शामिल हैं। परिणामस्वरूप इस वीडियो गीत ने सियासत में एक प्रकार से भूचाल ला दिया है।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल के दौरान भी सरकारों को कठघरे में खड़ा करने वाले गीत आए थे, जिन्होंने तूफान ला दिया था। भाजपा ने इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए इसे गहरे षड्यंत्र का हिस्सा करार दिया है। प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि यह वीडियो मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए चलाया जा रहा है। इसमें प्रयोग की गई भाषा गंभीर अवमानना व आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आती है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार परिश्रम कर रहे हैं, वहीं ऐसे षड्यंत्रों के जरिये उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस गायक द्वारा गीत बनाए जाने को दिखाने का प्रयास किया गया है, उसने स्वयं वीडियो जारी कर कहा है कि इस गीत से कोई लेना-देना नहीं है।
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