देहरादून:  मौसम के तेवर उत्तराखंड पर भारी पड़ रहे हैं। रविवार को मसूरी के पास कैम्पटी फॉल में आई बाढ़ का मलबा कुंड में भर गया है। झरने के पास की 21 दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। सोमवार को कैम्पटी में बाजार बंद रहा। यहां पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है। वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका है जब कैम्पटी फॉल इतना विकराल हुआ हो। टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि टिहरी जिले में कैम्पटी के अलावा अन्य वाटर फॉल में भी पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। यह आदेश बरसात के सीजन तक जारी रहेगा।

रविवार की शाम मसूरी में मूसलधार बारिश के बीच फॉल में एकाएक उफान आ गया। बहाव इतना विकराल था कि बड़े-बड़े पत्थर उसमें आने लगे। इससे वहां मौजूद पर्यटकों और दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई। पर्यटकों की संख्या 100 के करीब बताई जा रही है।  मलबा आसपास की दुकानों में घुस गया। सैलाब में ढाबों के बर्तन, मेज-कुर्सियां, राशन, गैस सिलेंडर बह गए। मुख्य झरने के ऊपर पर्यटकों के लिए बने हवाघर भी मलबे से पटे हुए हैं।  हालात की गंभीरता को भांप मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए रस्सियों के सहारे सैलानियों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया। जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि धनोल्टी के तहसीलदार दयाल सिंह भंडारी नुकसान का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैम्पटी में मरम्मत कार्य में समय लगेगा। तब तक यहां पर्यटकों की आवाजाही बंद रखी जाएगी।  

रोपवे का संचालन भी बंद

बाढ़ से पिलर क्षतिग्रस्त होने के कारण कैम्पटी में रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया है। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार वर्ष 2011 और 2013 में भी झरने ने विकराल रूप धारण किया था, लेकिन तब भी ऐसा नुकसान नहीं हुआ, जैसा इस बार हुआ है।


दूर से ही किए कैम्पटी के दीदार

कैम्पटी फॉल तक आवाजाही बंद कर दिए जाने से पर्यटक मायूस हैं। सोमवार को सैलानी मसूरी-चकराता हाईवे से ही कैम्पटी फॉल का दीदार करते रहे।
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