देश के हर पोलिंग बूथ पर समय पर ईवीएम और वीवीपैट पहुंचाई जा सके, इसके लिए चुनाव आयोग ने कमर कस ली है. चुनाव अधिकारियों को इसके लिए ट्रेनिंग देने का काम भी शुरू कर दिया गया है.


चुनाव आयोग ने 2019 आम चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को चेक कर उन्हें हर राज्यों में समय पर भेजने की कवायद शुरू कर दी गई है. आयोग की कोशिश है कि आम चुनावों से पहले हर राज्यों में मशीनें सही तरीके से पहुंचाई जा सकें.
मशीनों को सुचारू चलाने के लिए और ऐन वक्त पर कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारियों को पहले स्तर की चेकिंग और ट्रेनिंग मुहैया कराने की पूरी तैयारी हो चुकी है. आयोग की कोशिश है कि देश के 10.6 लाख पोलिंग बूथों पर 100 फीसदी मशीनों की सप्लाई पूरी की जा सके.
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए आयोग को बड़ी संख्या में ईवीएम और वीवीपैट की जरूरत पड़ेगी, इसलिए चुनाव आयोगमशीन बनाने वाली कंपनियों के मुख्य प्रबंध निदेशकों से बराबर संपर्क में है. भावी आम चुनावों के लिए चुनाव आयोग को तकरीबन 22.3 लाख बैलट यूनिट, 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट और लगभग 17.3 लाख वीपीपैट मशीनों की जरूरत पड़ेगी.
इससे पहले पिछले महीने जयपुर में मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा था कि आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट और ईवीएम एम.3 मशीनों के जरिए मतदान कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के 51,796 मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा.
बता दें कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे एकतरफा बीजेपी के पक्ष में जाने के बाद से ही ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर विपक्षी दल आवाज उठाते रहे हैं. यहां तक कि वह चुनाव आयोग से भी इस संबंध में शिकायत कर चुके हैं. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने तो बाकायदा विधानसभा में डेमो देकर यह साबित करने की कोशिश की थी कि ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है. हालांकि, चुनाव आयोग हमेशा से ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाने वाले दलों को चैलेंज करता रहा है. अब राजस्थान चुनाव में आयोग ने हर विधानसभा में ईवीएम (EVM) के साथ वीवीपैट (VVPAT) के इस्तेमाल का निर्णय लिया है.
राजस्थान में इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनावी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्य के विधानसभा चुनावों मे पहली बार 'एक्सेसेबिलिटी' पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी और राज्य के प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक एक मतदान केंद्र पर सम्पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान दल गठित किए जाने के निर्देश दिए गए.
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