नैनीताल I उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में यदि बीडीसी सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के खरीद फरोख्त की शिकायत मिलती है तो उस पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कराएं।
कोर्ट ने कहा कि यदि शिकायत की पुष्टि होती है तो चुनाव प्रक्रिया को रोक दें। हाईकोर्ट ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र  और पारदर्शिता से कराने के लिए आयोग को 32 दिशा निर्देश दिए हैं।

अदालत ने इन पदों की चुनाव प्रणाली में सुधार की जरूरत बताते हुए विधानसभा से नए कानून बनाने की अपेक्षा भी जताई है। सुनवाई के दौरान सभी पक्षों ने न्यायालय के समक्ष सुप्रीम कोर्ट और दूसरी अदालतों के 92 निर्णय पेश किए। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

देहरादून निवासी विपुल जैन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पंचायत सदस्यों की बड़े स्तर पर खरीद फरोख्त की जाती है। उन्होंने इस खरीद फरोख्त से बचने के लिए चुनाव आयोग को दिशा निर्देश देने व इन पदों का चुनाव सीधे जनता से कराए जाने की मांग की थी।

याची का कहना था कि राज्य में 13 जिला पंचायत अध्यक्ष, 96 ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में करीब 520 जिला पंचायत सदस्य, करीब चार हजार बीडीसी सदस्य आदि की खरीद फरोख्त के जरिये करीब पांच सौ करोड़ का सीधा भ्रष्टाचार होता है। एक-एक पद के लिए बोली लगाई जाती है।

Share To:

Post A Comment: