देहरादून I पीठासीन अधिकारियों का अखिल भारतीय सम्मेलन राजधानी देहरादून में 17 से 21 दिसंबर तक आयोजित होगा। इस पांच दिवसीय सम्मेलन में लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव जुटेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड विधानसभा को 79वें सम्मेलन के आयोजन की मेजबानी दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को विधानसभा स्थित सभागार में एक पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में ये सम्मेलन इस माह होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से स्थगित हो गया। अब लोकसभा के सभापति से सम्मेलन के आयोजन का पत्र प्राप्त हो गया है। कार्यक्रम के पहले दिन सभी विधानसभाओं के सचिवों का सम्मेलन होगा। इसमें संसदीय पद्धति और प्रक्रियाओं की बारीकियों पर गहराई से मंथन होगा। 18 और 19 दिसंबर को समस्त पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन होगा।

इसमें संसदीय विषयों के अलावा देश के समक्ष उभर रहीं चुनौतियों के समाधान पर विचार विमर्श होगा। स्पीकर ने कहा कि अच्छी बात यह है कि ये सम्मेलन उस समय होगा जब संसद का सत्र संपन्न हो चुका होगा। संसद के सत्र में उठने वाले विषयों पर भी सम्मेलन में चर्चा हो सकती है। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर को अतिथियों को दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। कोशिश होगी कि उन्हें ऋषिकेश में गंगा आरती के दर्शन कराए जाएं।

सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड की लोक परंपराओं से जुड़े कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। सम्मेलन में लगभग 400 प्रतिभागी भाग लेंगे, जिनमें प्रत्येक विधानसभा से औसतन आठ प्रतिनिधि एवं लोकसभा सचिवालय से लगभग 70 अधिकारी व कर्मचारी आएंगे। उद्घाटन समारोह में प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद, विधानसभा सदस्य, पूर्व विधानसभा सदस्य भी भाग लेंगे।

शिमला में हुआ था पहला सम्मेलन
स्पीकर ने बताया कि पहला पीठासीन सम्मेलन 1921 में शिमला में हुआ था। हर साल आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की मेजबानी बारी-बारी से राज्यों को मिलती है। उत्तराखंड में यह सम्मेलन पहली बार हो रहा है।
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