नैनीताल I सरकार की ओर से भारी सब्सिडी देकर देवप्रयाग समेत पहाड़ों में अन्य स्थानों पर खोली जा रहीं शराब फैक्ट्रियों के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, आबकारी विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सभी शराब कंपनियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। रायपुर देहरादून निवासी नंद किशोर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार पहाड़ों में शराब फैक्ट्रियां लगाने के लिए कैपिटल इन्वेस्टमेंट, स्टांप ड्यूटी में छूट, बिजली के साथ 75 प्रतिशत आबकारी देयकों में छूट दे रही है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि कंपनी अपने सभी फायदों को लगाकर 520 रुपये में शराब की पेटी बाजार में उतार रही है, लेकिन 400 से 900 तक बाजार में बिकने वाली शराब पर कंपनियों को 2500 से 4200 रुपये प्रति पेटी सब्सिडी दी जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना था कि यदि एक साल में कंपनियां 10 लाख पेटी शराब बनाती हैं तो उन्हें 200 करोड़ की सब्सिडी सरकार से मिल रही है।

याचिका में यह भी कहा गया कि पहाड़ में शराब फैक्ट्रियां खोलने के लिए सरकार ने पर्यावरण नियमों का भी उल्लंघन किया है। दून वैली में भी मानकों के विपरीत शराब की फैक्ट्रियां चल रहीं हैं। याचिकाकर्ता ने शराब कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी को बंद करने की मांग की है ताकि यह पैसा राज्य के विकास में लगाया जा सके।

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