नई दिल्ली. हर कोई अपनी बेटी की भविष्य को वित्तीय रूप से सु​रक्षित करना चाहता है. केंद्र सरकार ने इसके लिए सुकन्या समृद्धि योजना शुरू किया था. जिस पर मौजूदा समय में 8.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. यह केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाले स्मॉल इन्वेस्टमेंट स्कीम्स में से एक है. इसके अलावा केंद्र सरकार बचत के ​लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम अकाउंट, 5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट, सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम्स, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट, किसान विकास पत्र और पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में हैं.

सुकन्या समृ​द्धि योजना का लाभ लेने के लिए लड़की की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए. इसमें न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख जमा किया जा सकता है. इस पर मिलने वाले ब्याज दर को केंद्र सरकार हर तिमाही में रिवाइज करती है. इस योजना की एक खास बात यह भी है कि इसमें निवेश पर टैक्स छूट (Tax Exemption) भी मिलता है. ऐसे में आप भी इस स्कीम में निवेश कर अपनी बेटी का भविष्य वित्तीय रूप से सुरक्षित कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में 5 खास बातें-

 1. वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर सालाना 8.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. सरकार द्वारा किसी भी स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर यह दूसरा सबसे अधिक ब्याज दर है. सरकार हर साल चालू​ वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर का ऐलान करती है, जो कि सालाना तौर पर कम्पाउण्ड होता है. हर महीने की 5वीं तारीख तक जो सबसे कम रकम होती है, उसी पर मासिक ब्याज मिलता है.

2. इस स्कीम में निवेश की मैच्योरिटी (Maturity of SSY) 21 साल की होती है. बेटी की शादी के वक्त इस स्कीम में निवेश किए गए रकम को निकाला जा सकता है. इस बात का ध्यान रखना होगी कि जिस बेटी के नाम पर यह निवेश किया गया है, शादी के वक्त उसकी कम से कम 18 साल होनी चाहिए. वहीं, बेटी की उच्च शिक्षा के लिए 18 साल के उम्र के बाद भी निवेश मैच्योर होने से पहले कुछ रकम निकाली जा सकती है. यह रकम पिछले वित्त वर्ष के अंत में कुल रकम का 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए. इस अकाउंट को खोलने की तारीख से लेकर 14 साल तक निवेश किया जा सकता है.

 3. इस अकाउंट के मैच्योर​ होने के बाद इस रकम को आप अपनी बेटी के लिए खर्च कर सकते हैं. यह रकम जिसके नाम खुला है, उसी के खाते में मैच्योरिटी के बाद निवेश की गई रकम और उसपर मिलने वाला ब्याज भी जमा किया जाएगा. मैच्योरिटी के बाद भी इस खाते में जमा रकम पर ब्याज मिलता रहता है, जोकि अन्य सेविंग्स स्कीम में नहीं मिलता. यह ब्याज तब तक मिलता रहता है जब तक की इस खाते को बंद नहीं किया जाता है.

4. टैक्स छूट के लिहाज से भी यह स्कीम सबसे बेहतर स्कीम होती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत इस स्कीम में किए गए निवेश पर कोई टैक्स देय नहीं होता है. यहां तक कि ब्याज पर भी निकासी के दौरान कोई टैक्स देय नहीं होता है. यह स्कीम ब्याज से कमाई, योगदान, और निकासी के समय पर भी टैक्स छूट का लाभ देती है.
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