नई दिल्ली। राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन योजना के तहत भारत सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत के सभी गांवो में 2022 तक ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध करा दि जायेगी। इस मिशन के लिए सरकार लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश करेगी।

दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन देश भर में विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए सार्वभौमिक और समान पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश में मौजूदा मोबाइल और इंटरनेट की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी काम करेगी।

राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन योजना के निवेश का लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का उपयोग ऑप्टिकल फाइबर केबल्स के नियोजित 30 लाख किलोमीटर को पूरा करने में किया जाएगा। निवेश में यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) से 70,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। सेल टॉवर की संख्या बढ़ जाएगी क्योंकि टॉवर घनत्व को प्रति 1,000 जनसंख्या पर 1 टॉवर तक बढ़ाने की योजना है। वर्तमान अनुपात 0.42 टावर है। वर्तमान में 5.56 लाख टावरों की संख्या 10 लाख हो जाएगी। मिशन फाइबर-सक्षम टावरों की संख्या को भी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर देगा। प्रसाद ने कहा, ‘हम 50 एमबीपीएस तक की स्पीड भी देंगे।

सरकार डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में लगातार नीतियों को बनाए रखने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर काम करेगी। इसमें केबल लेआउट के लिए आवश्यक राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) अनुमोदन शामिल है। मिशन पूरे देश को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जबकि डिजीलॉकर जैसी ऑनलाइन सेवाओं ने नागरिकों के लिए कागजी कार्रवाई को बहुत आसान बना दिया, वे केवल उन लोगों तक सीमित हैं जो इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। देश के प्रत्येक कोने में ब्रॉडबैंड सेवाओं को लाने से कई और नागरिकों को ऐसी सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
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