रुड़की I नागरिक संशोधन कानून (सीएए) की आंच आईआईटी तक भी पहुंच गई। इसे लेकर आईआईटी छात्रों के दो पक्षों ने अलग-अलग बैठकें कीं। इनमें एक गुट समर्थन में था, जबकि एक अधिनियम के विरोध में।
इन्होंने स्टूडेंट्स क्लब में अपने हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी की। आईआईटी के अधिकारियों की ओर से हालांकि इसकी इजाजत नहीं दी गई, लेकिन संस्थान प्रशासन की ओर से छात्रों के इस कदम का विरोध भी नहीं किया गया। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया के छात्रों के विरोध और समर्थन को लेकर भी छात्र बंटे दिखे।

स्टूडेंट्स क्लब पर जुटे छात्रों में अलबत्ता सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले छात्रों की संख्या कम बताई गई। ज्यादातर इसके समर्थन में एकत्र हुए थे। उन्होंने सीएए और एनआरसी के समर्थन में नारे लगाए। मौके पर  शोध छात्रों ने कहा कि भारतीय हमेशा से मानवता के रक्षक रहे हैं इसी कारण उसने शरणार्थियों को शरण दी। कहा कि केंद्र सरकार ने एनआरसी और सीएए के जरिये उन्हें नागरिकता का मौका देकर अच्छा कदम उठाया है। कहा कि इससे भी धर्म या संप्रदाय का अहित नहीं होगा। इस दौरान इन छात्रों ने एएमयू और जामिया के छात्रों का भी विरोध किया। 
वहीं दूसरी ओर, सीएए के विरोध में भी छात्रों के एक पक्ष ने प्रदर्शन कर नारे लगाए। इन छात्रों का कहना था कि यह कानून देश को जाति धर्म में बांटने वाला है। जो कि मानवीयता पर कुठाराघात है। इससे देश में अशांति, द्वेष और वैमनस्य बढ़ेगा। इन छात्रों ने एनआरसी के विरोध में भी प्रदर्शन किया। इन छात्रों ने एएमयू और जामिया में छात्रों पर हुए हमले का विरोध किया।  

बैनर पर आंबेडकर के साथ औवेसी की फोटो पर भड़के विधायक

मुस्लिम समाज की ओर से सीएए के विरोध में आयोजित जुलूस में कुछ युवाओं ने तिरंगा लिया था तो कुछ ने असदुद्दीन औवेसी और डॉ. आंबेडकर की फोटो वाला बैनर हाथ में लिया था। इसमें एक तरफ बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी की फोटो लगी थी।
 
इसे लेकर भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता की फोटो डॉ. आंबेडकर के बराबर में नहीं हो सकती। उनका स्थान सबसे ऊपर है। कोई भी व्यक्ति डॉ. आंबेडकर बराबरी नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सम्यक मंच पर आवाज उठाई जाएगी। जल्द ही इस पर रणनीति तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

कांग्रेस हर स्तर पर करेगी सीएए का विरोध : निजामुद्दीन 
 
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को काला कानून बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस कानून को लाई है। कांग्रेस हर स्तर पर इसका विरोध करेगी। यही नहीं, भाजपा एनआरसी लेकर आई तो उसका भी विरोध किया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने एएसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

बुधवार को कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सीएए के खिलाफ नगरपालिका कार्यालय के बाहर समर्थकों के साथ धरना दिया। उन्होंने कहा कि सीएए लाने की कोई जरूरत नहीं थी। मुसलमानों के प्रति भेदभाव करने वाला काला कानून है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सीएए के बाद पूरे देश में एनआरसी लागू करने की तैयारी में है। यह लागू हुआ तो लोगों को नागरिकता साबित करने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

खासतौर पर गरीब और अनपढ़ लोग कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की ताकत कम हो रही है। छोटे-छोटे पड़ोसी देश भारत को आंख दिखा रहे हैं। बाद में विधायक ने धरना स्थल पर पहुंचे एएसडीएम रविंद्र बिष्ट को विधायक ने ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रपति से सीएए को रद्द करने की मांग की। इस मौके पर रुड़की के पूर्व मेयर यशपाल राणा, जितेंद्र पुंडीर, पूर्व पालिकाध्यक्ष चौधरी इस्लाम, मुफ्ती मासूम कासमी, फरमान अहमद, शराफत अंसारी, शकील अहमद, शाह वकार चिश्ती, तहसीन अंसारी, पप्पू ठेकेदार आदि धरना स्थल पर मौजूद थे।

सीएए के विरोध में सड़कों पर उतरे हजारों लोग

रुड़की में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सड़कों पर उतरे मुस्लिम समाज के लोगों ने जुलूस निकालकर आक्रोश जताया। जुलूस में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और विधेयक के खिलाफ नारेबाजी कर इसे वापस लेने की मांग की। जुलूस की शक्ल में हजारों लोग तहसील पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा। साथ ही राष्ट्रपति से विधेयक को वापस लेने की मांग की। जुलूस में मुस्लिम समाज के साथ अन्य समाजों के लोग भी शामिल रहे।

देशभर में उठ रही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की आवाज रुड़की में भी तेज हो गई है। शहर और देहात में भी लोग इस विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। बुधवार को मुस्लिम समाज के लोगों के साथ मिलकर अन्य समाजों के लोग बादशाह चौक पर एकत्रित हुए। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने सीएए का जमकर विरोध करते हुए नारेबाजी की। साथ ही विधेयक वापस लेने की मांग की। बादशाह चौक से हजारों की संख्या में लोग जुलूस की शक्ल में तहसील पहुंचे।

जुलूस बादशाह चौक से होते हुए मेन बाजार, नगर निगम पुल, सिविल लाइंस से होते हुए तहसील पहुंचा। इस दौरान लोगों ने विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सीएए भारतीय नागरिकों के मूल अधिकारों के खिलाफ है। इससे लोगों में भारी गुस्सा है। इस दौरान जुलूस में डॉ. अय्यर काजमी, सत्यापाल सिंह, आदेश शर्मा, पवन कुमार समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल रहे।

पुलिस का रहा कड़ा पहरा

सीएए के विरोध में जुलूस को देखते हुए बुधवार को पूरा शहर सुबह से ही छावनी में तब्दील हो गया था। चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। जुलूस के आगे और पीछे भारी पुलिस बल चल रहा था। कई जगह पीएससी भी तैनात की गई थी। पुलिस ने किसी भी अनहोनी की आशंका के चलते जुलूस की वीडियोग्राफी करवाई। साथ ही जुलूस में शामिल लोगों की गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर रही। खुफिया विभाग भी जुलूस को लेकर पूरी जानकारी जुटाता रहा।

जुलूस ने थामी वाहनों की रफ्तार

सीएए के विरोध में बुधवार को जुलूस में हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने से हाईवे पर जाम लग गया। तहसील के सामने भारी भीड़ जुटने के चलते पुलिस ने दोनों तरफ वाहनों को रोक दिया। काफी देर तक वाहन हाईवे पर दोनों तरफ खड़ रहे। इस बीच भीड़ के तहसील में पहुंचने पर पुलिस ने यातायात शुरू करवाया। इस दौरान पुलिस को जाम खुलवाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

 

सीएए के समर्थन में एबीवीपी का शांति मार्च 

रुड़की में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शहर में शांति मार्च निकाला। साथ ही विधेयक लागू करने को केंद्र सरकार का एक सराहनीय कदम बताया। मार्च में शामिल लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की कि इस विधेयक से उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। विधेयक के लागू होने से मुस्लिम समाज का कोई लेनादेना नहीं है। एबीवीपी के शांति मार्च को देखते हुए भी शहर में भारी पुलिस बल तैनात रहा।

बुधवार को सीएए के समर्थन में एबीवीपी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में चंद्रशेखर चौक पर जमा हुए। यहां प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रवि सैनी ने कहा कि यह सरकार की ओर से उठाया गया अच्छा कदम है। इससे सभी धर्मों का हित होगा। जिला प्रमुख नितिन चौधरी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि हर किसी को लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा में आस्था रखनी जरूरी है। मुस्लिम भाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है। इस कानून से उनका कोई लेनादेना नहीं है।

नगर मंत्री आकाश चौधरी ने कहा कि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और मुसलमान हम सब भाई हैं। हमें भारत को विकसित करने में एक साथ मदद करनी चाहिए। इसके बाद एबीवीपी ने चंद्रशेखर चौक से शदाब्दी द्वार तक विधेयक के समर्थन में शांति मार्च निकाला। इस दौरान गिवेंद्र सिंह, सूर्यकांत सैनी, अभिषेक, शिवम चौधरी, रोहित, देवयानी, मनीषा, आर्यन, अंकित, विशाल, आयुष, कपिल, सागर, रौनक, करण, लक्ष्य, दीपांशु सैनी, सौरभ व विशाल द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

विधेयक के समर्थन में उतरे गुरुकुल के छात्र 

हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में उतर आए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और विवि के छात्रों ने विधेयक के समर्थन में विवि परिसर में रैली निकाली और विरोध करने वालों के खिलाफ नारेबाजी की। एबीवीपी के विभाग संयोजक मोहित चौहान ने कहा कि इस कानून का जो लोग विरोध कर रहे हैं, वह देश विरोधी ताकतों के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। यह देश कि हित में है और किसी भी समुदाय का अहित नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि लोग इस बिल की आड़ में देश की शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। छात्र नेता विशाल भारद्वाज ने कहा कि इस बिल के विरोध की आड़ में जो लोग हिंसा फैला रहे हैं वो सब कांग्रेस और वामपंथियों की पूरी योजना है। वह नहीं चाहते देश में शांति बनी रहे। एबीवीपी नगर मंत्री करन वर्मा ने कहा कि यह बिल दूसरे देशों में बसे हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई आदि लोगों को नागरिकता प्रदान करने वाला है, न कि भारत के किसी व्यक्ति की नागरिकता लेने वाला। इस बिल का विरोध करने वाले लोग भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस अवसर पर तरुण चौहान, आदित्य गौड़, मोहित जोशी, चर्चित बालियान, अमन कुशवाह, शैलेश आदि मौजूद थे।
 

जामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेसियों का धरना 

हरिद्वार में कांग्रेसियों ने नागरिकता संशोधन कानून और जामिया के छात्रों की पिटाई के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने आरोपी लगाया कि पूरी तरह से विफल हो चुकी केंद्र सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए विवादास्पद कानून लागू कर संविधान को चुनौती दी जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने नागरिकता संशोधन कानून और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक अंबरीष कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन कर धरना दिया। पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान की मूल भावनाओं और सिद्धांतों के विरुद्ध है। अत: इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष संजय अग्रवाल व वरुण बालियान ने कहा कि भेदभाव पूर्ण तरीके से लागू किए गए नागरिकता विधेयक के जरिये समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।

विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पीटा जाना पूरी तरह निंदनीय है। मुरली मनोहर, नईम कुरैशी, यशवंत सैनी, सतीश कुमार ने कहा कि विवादास्पद तरीके से लागू किए गए नागरिकता विधेयक की कोई आवश्यकता नहीं थी। शाहबुद्दीन अंसारी व अंकित चौहान ने कहा कि युवा वर्ग देश का भविष्य हैं। छात्रों को पीटा जाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रस्तौगी, विमला पांडे ने कहा कि भाजपा सत्ता का गलत उपयोग कर रही है। युवक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष नितिन तेश्वर व विशाल राठौर ने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया है। भाजपा के नेता मात्र धर्म की राजनीति करने में आमादा हैं।

ये रहे मौजूद

पूर्व विधायक रामयश सिंह, सुहेल अख्तर, मेहर सिंह, धर्मपाल ठेकेदार, अनुज सिंह, रवि बहादुर इंजीनियर, राजीव भार्गव, अमन गर्ग, अनिल भास्कर, सुमित भाटिया, जितेंद्र सिंह, दीपक टंडन, सुनील कड़च्छ, बलजीत सिंह, अंजू द्विवेदी, विपिन पेवल, नकुल महेश्वरी, जफर अब्बासी, मेहरबान खान, इसरार अहमद, कैलाश भट्ट, सुभद्रा आर्य, बीना कपूर, हरद्वारी लाल, दीपाली त्यागी, नीलम शर्मा, मंजू सिंह, प्रीत कमल, नावेद अंसारी, नीतू बिष्ट, विक्की कोरी, सुरेश चौहान, गुलबीर चौधरी, पप्पू वाल्मीकि, नितिन कश्यप, अनिल चौहान, सद्दीक गाढ़ा आदि सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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