काशीपुर I उत्तराखंड में एसआईटी निरीक्षक ने काशीपुर कोतवाली में हरियाणा और राजस्थान के दो निजी संस्थानों और तीन दलालों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की राशि हड़पने के आरोप में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए हैं। दो दलाल ऐसे हैं, जिन पर दोनों मामलों में केस दर्ज किया गया है। 
हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी 11 जिलों में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। एसआईटी अब तक बाजपुर और जसपुर में तीन मुकदमे दर्ज करा चुकी है। एसआईटी को राजस्थान और हरियाणा के दो निजी संस्थानों की ओर से स्थानीय लोगों की मिलीभगत से छात्रवृत्ति घोटाला किए जाने की शिकायत मिली थी। दोनों मामलों की  जांच एसआईटी निरीक्षक जीबी जोशी ने की। जांच में दोनों संस्थान और इस धंधे से जुड़े तीन दलालों की लिप्तता सामने आई। 

जांच के बाद शुक्रवार को गणपति कॉलेज ऑफ एजुकेशन फरीदाबाद (हरियाणा) के स्वामी, प्रबंधकों एवं अधिकारियों समेत जसपुर निवासी दिग्विजय सिंह व कमलजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया। गणपति कॉलेज ऑफ एजुकेशन पर 16 विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन नहीं होना पाया गया, जिस पर 7.57 लाख का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। 

इसी तरह जोशी ने मारवाड़ बीएड कॉलेज जोधपुर (राजस्थान) के स्वामी, प्रबंधकों और अधिकारियों समेत ग्राम बरखेड़ापांडे निवासी उदयराज सिंह, ग्राम भगवंतपुर, जसपुर निवासी कमलजीत सिंह व पंजाबी कॉलोनी जसपुर निवासी दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मारवाड़ बीएड कॉलेज 11 विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन नहीं होना पाया गया, जिस पर 6.57 लाख से अधिक का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। 

इससे पूर्व सितंबर 2019 में जसपुर कोतवाली में भी इन तीनों दलालों के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इन सभी पर इन संस्थानों में फर्जी प्रवेश दर्शाकर कूटरचित छात्रवृत्ति आवेदन एवं अन्य प्रपत्र प्रस्तुत कर लाखों रुपये की सरकारी राशि के गबन का आरोप है। आरोप है कि दलालों ने कम पढ़े-लिखे और सामान्य जाति के विद्यार्थियों को एससी/एसटी जाति में दर्शाकर लाखों की छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली। 

तत्कालीन प्रधानाचार्या और लिपिक पर केस

अल्मोड़ा में वर्ष 2011-12 में छात्रवृत्ति वितरण में हेराफेरी करने पर आर्य कन्या इंटर कॉलेज की तत्कालीन प्रधानाचार्य पंकज लता साह और तत्कालीन प्रधान लिपिक गिरीश चंद्र बिनवाल के खिलाफ धारा 409/420/120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

एससी-एसटी, ओबीसी दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआईटी से कराने के हाईकोर्ट के निर्देश पर एसएसपी पीएन मीणा ने प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अरुण कुमार वर्मा, प्रभारी निरीक्षक रानीखेत भूपेंद्र सिंह बृजवाल, उपनिरीक्षक नवीन चंद्र जोशी, सुरेंद्र रिंग्वाल की एसआईटी टीम गठित कर जांच शुरू कराई।

एसआईटी ने जिले के सभी स्कूलों, कॉलेजों में आवंटित एससी-एसटी, ओबीसी दशमोत्तर छात्रवृत्ति की जांच करने और समाज कल्याण विभाग अल्मोड़ा से उपलब्ध अभिलेखों की जांच पड़ताल करने के बाद आर्य कन्या इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में वर्ष 2011-12 के छात्रवृत्ति वितरण में एक लाख ग्यारह हजार बीस रुपये की हेराफेरी मिली। 

एसआईटी सदस्य उप निरीक्षक नवीन चंद्र जोशी ने शुक्रवार को कोतवाली में आर्य कन्या इंटर कॉलेज की  तत्कालीन प्रधानाचार्य पंकज लता साह और तत्कालीन प्रधान लिपिक गिरीश चंद्र बिनवाल के खिलाफ धारा 409/420/120बी के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। 

196 अन्य कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति वितरण में हुई हेराफेरी 
अल्मोड़ा। कोतवाल अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि एसआईटी को 196 अन्य कॉलेजों में भी छात्रवृत्ति वितरण में हेराफेरी करने की जानकारी प्राप्त हुई है। इन सभी मामलों की जांच जारी है। महत्वपूर्ण अभिलेख प्राप्त होने पर अभियोग पंजीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
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