नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक का लोगों में काफी क्रेज़ है. इस बात का पता इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में टिकटॉक के डेढ़ अरब यानी 150 करोड़ यूज़र्स हो चुके हैं. इनमें से लगभग आधे यानी 68 करोड़ पिछले साल ही जुड़े हैं. हालांकि, इसमें टिकटॉक का चाइनीज़ वर्ज़न डोइन भी शामिल है.
अगर भारत की बात करें तो इस वक्त लगभग 30 करोड़ ऐक्टिव यूज़र्स हैं. लेकिन टिकटॉक पर सिक्युरिटी पर सवाल उठ रहे हैं. अमेरिका में जहां यूज़र्स के डेटा को लेकर चिंता की जा रही है वहीं इजरायल की साइबर सिक्युरिटी फर्म चेंक प्वाइंट ने भी हैकिंग के खतरे बताए हैं.
साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म चेक प्वाइंट रिसर्च ने टिकटॉक मोबाइल ऐप में छिपे खतरों की पहचान की है. ऐप में मौजूद इन कमजोरियों के चलते हैकर्स यूज़र्स का अकाउंट हैक कर सकते हैं और उनकी पर्सनल डीटेल को चुरा सकते हैं. फर्म का कहना है कि उन्होंने टिकटॉक अथॉरिटीज़ को इसकी जानकारी दे दी है और इसका हल भी बता दिया है ताकि वे इस समस्या से निपटा जा सके.
अपनी रिपोर्ट में चेक प्वाइंट रिसर्च ने बताया कि, हैकर एसएमएस के जरिए टिकटॉक अकाउंट को हैक कर सकता है. यदि यूजर्स उस लिंक को क्लिक करते हैं तो हैकर को उनके टिकटॉक अकाउंट का कंट्रोल मिल जाता है. इसकी मदद से वह उनके अकाउंट पर कुछ भी शेयर कर सकते हैं. इसका मतलब ये है कि हैकर यूजर्स के वीडियो डिलीट कर सकते हैं, अपलोड कर सकते हैं या प्राइवेट वीडियो को पब्लिक कर सकते हैं.
चेक प्वाइंट का कहना है कि इस कमी की वजह से यूज़र्स की पर्सनल जानकारी भी लीक हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकटॉक का एक सब-डोमेन इस तरह के हमले की वजह है. हालांकि, टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक टिकटॉक सिक्युरिटी टीम के सदस्य ल्यूक देसहॉटल ने बताया, 'टिकटॉक यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. अन्य संस्थाओं की तरह, हम विभिन्न सिक्योरिटी रिसर्चर्स को बढ़ावा देते हैं कि वह निजी तौर पर हमें इस तरह की खामियों का खुलासा करें. सार्वजनिक तौर पर जाने से पहले चेक प्वाइंट ने इसकी पुष्टि की है कि सभी दिक्कते लेटेस्ट अपडेट में दूर हो जाएं. हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी सिक्योरिटी रिसर्च फर्म हमें इस तरह की जानकारी प्रदान करें.'
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