रामपुर । लॉकडाउन के चलते सरकारी कामकाज प्रभावित हुए हैं। पहले तीन सप्ताह तक दफ्तर पूरी तरह बंद रहे। अब खुल रहे हैं लेकिन, कामकाज फिर भी पटरी पर नहीं आ पा रहा है। इसके चलते प्रदेश के करीब डेढ़ लाख छात्रों का वजीफा भी लॉकडाउन में फंस गया है।
प्रति वर्ष छात्र-छात्राओं का वजीफा 31 मार्च तक उनके खातों में आ जाता है लेकिन, इस बार लॉकडाउन के चलते लाखों छात्रों का वजीफा फंस गया है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के नगर अध्यक्ष मुशर्रत जमा खां बताते हैं कि रामपुर में कक्षा एक से आठ तक के कई हजार छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। प्रदेश के अल्पसंख्यक विभाग के संयुक्त निदेशक आरपी ङ्क्षसह ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश के 928581 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जानी थी। अब तक 761104 छात्रों को 314 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बांटी गई है। 167477 छात्रों के खाते में पैसा नहीं पहुंच सका है। इनमें डेढ़ लाख कक्षा एक से आठ तक के छात्र हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से 793668 अल्पसंख्यक छात्रों को 334 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति बांटी जा चुकी है।
प्रोफेशनल कोर्स के लिए 25 हजार
केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति को तीन श्रेणी में बांट रखा है। कक्षा एक से 10 तक को प्री मैट्रिक, कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक को पोस्ट मैट्रिक और प्रोफेशनल कोर्स को मेरिट कम मींस की श्रेणी में रखा है। एक हजार रुपये सालाना छात्रवृत्ति के साथ ही पढ़ाई के लिए फीस भी मुहैया कराई जाती है। प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए 25 हजार तक सालाना दिए जाते हैं। इसके लिए छात्र ऑनलाइन आवेदन करते हैं। शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके आवेदन अग्रसारित किए जाने के बाद केंद्र सरकार सीधे छात्र के बैंक खाते में पैसा भेजती है।
15 दिन में सभी को मिल जाएगा पैसा
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि लॉकडाउन के चलते बैंकों में कामकाज भी धीमी गति से हुआ। सरकारी कार्यालयों में भी कार्य प्रभावित हुआ है। कई स्कूल कालेजों के सत्यापन में देरी हुई। इस कारण कुछ छात्रों के खातों में पैसा नहीं जा सका। 15 दिन के अंदर सभी छात्रों के बैंक खातों में पैसा भेज दिया 
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