नई दिल्ली I ईरान से ट्रेड वॉर के बीच अमेरिका ने भारत, चीन सहित कई देशों को ईरान से तेल खरीद पर रोक लगाने के लिए 4 नवंबर की डेडलाइन तय की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा नहीं करने पर ईरान के साथ होने वाले किसी भी तरह के बिजनेस से जुड़ी कंपनियों को अमेरिकी इकोनॉमी में एंट्री पर बैन लगाने की चेतावनी भी दी है. लेकिन, सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत सरकार ने अमेरिका की कथित धमकियों को दरकिनार करते हुए राज्यों के रिफाइनरी को ईरान से तेल आयात करने की परमिशन दे दी है. इन रिफाइनरी कंपनियों में टॉप कंपनी शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (SCI) भी शामिल है.
अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही भारत समेत अन्य देशों को ईरान से तेल आयात नहीं करने की चेतावनी दी थी. चीन और भारत बीते तीन महीने से हर दिन करीब 14 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया है. भारत चीन के बाद ईरान से कच्चा तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. ऐसे में चीन और भारत के सामने यह सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है कि वह किस ओर कदम बढ़ाए, क्योंकि ईरान पर बैन लगाने से भारत में भी तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं.
चीन ने ईरान से तेल लेने के लिए खरीदारों को ईरानी टैंकर कंपनी (NITC) के जहाजों के पास शिफ्ट होने को कहा है, ताकि मोलभाव कर तेल खरीदा जा सके. ऐसे में भारत सरकार ने चीन के आइडिया पर तेल आयात करने का फैसला लिया है और रिफाइनरी कंपनियों को इसकी मंजूरी दी है.
ईरान के कच्चे तेल के दो बड़े खरीदारों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अमेरिका की धमकी के बाद भी ईरान पूरी दुनिया से अलग-थलग नहीं हुआ है. कुछ देश हैं, जिन्होंने ईरान के साथ व्यापार करना जारी रखा है. SCI के एक अधिकारी ने बताया, 'अमेरिका ने ईरान को लेकर बाकी देशों को चेतावनी दी है. इसलिए हम ईरान जा नहीं सकते, लेकिन वहां से तेल मंगाने का ये दूसरा रास्ता है.'
ऐसी भी खबरें हैं कि अमेरिका की बैन की धमकी के बीच ईरान ने भारत को अपने जहाजों में तेल भरकर भेजना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही तेल का एक्सपोर्ट जारी रखने के लिए ईरान इन्श्योरेंस कवर भी मुहैया कराया जा रहा है.
बता दें कि 2010-11 तक सऊदी अरब के बाद ईरान भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा बड़ा सप्लायर था, लेकिन न्यूक्लियर डील के संदेह में पश्चिमी देशों पर बैन के चलते बाद भारत सातवें पायदान पर पहुंच गया. 2013-14 और 2014-15 में भारत ने ईरान से 1.1 और 1.095 करोड़ टन तेल खरीदा था. 2015-16 में ईरान से खरीद बढ़कर 1.27 करोड़ टन पहुंच गई, जिसके साथ ही वह छठे पायदान पर पहुंच गया था. उसके बाद के साल में ईरान 2.72 करोड़ टन कच्चे तेल की सप्लाई करके सीधे तीसरे पायदान पर पहुंच गया. 2017-18 में भारत ने ईरान से 2.26 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा.
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