नई दिल्ली I बसपा प्रमुख मायावती के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को झटका दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि हमने कांग्रेस के लिए काफी इंतजार किया है, लेकिन अब मध्य प्रदेश चुनावों को लेकर बीएसपी और जीजीपी (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) से बात करनी होगी.

इसके बाद शनिवार शाम होने तक समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छह सीटों के प्रत्याशियों का भी ऐलान कर दिया है.

अखिलेश से पहले मायावती ने कहा था कि बसपा कांग्रेस के साथ एमपी में गठबंधन नहीं करेगी. मायावती ने अपने इस फैसले के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए ऐलान किया था कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीएसपी अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी.

सपा ने छट सीटों पर उम्मीदवार उतारे
सपा ने मध्य प्रदेश के सीधी विधानसभा सीट से केके सिंह, परसवाड़ा सीट से कंकर मुंजारे, बालाघाट विधानसभा सीट से अनुभा मुंजारे, निवाड़ी सीट से मीरा यादव, पन्ना विधानसभा सीट से दशरथ सिंह यादव और बुधनी सीट से अशोक आर्या को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. बुधनी विधानसभा सीट से सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक हैं.

अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि हमने कांग्रेस का बहुत इंतजार किया. उन्होंने कहा कि आखिर हम कितना इंतजार करेंगे? उन्होंने कहा कि अब बीएसपी और जीजीपी से बात कर कांग्रेस के साथ राज्य में गठबंधन पर फैसला लिया जाएगा.

कांग्रेस को दिल बड़ा करने की जरूरत- अखिलेश
सपा प्रमुख ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को दिल बड़ा करना होगा. अगर पार्टी इसी तरह देर करती रही तो छोटी पार्टियां राज्य में अपने प्रत्याशी घोषित कर देगी.
बता दें कि इससे पहले मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी किसी कीमत पर कांग्रेस से तालमेल नहीं करेगी. मायावती पहले ही छत्तीसगढ़ में जोगी की पार्टी से हाथ मिला चुकी हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में केजरीवाल बोले- कांग्रेस को वोट न दें
इधर देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ही कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के रोहिणी इलाके में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग नरेंद्र मोदी को हराना चाहते हैं, वो कांग्रेस को वोट न दें.
उन्‍होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जो बन जाए, दिल्ली में सांसद आम आदमी पार्टी का बनाना. केजरीवाल ने लोगों से कहा कि अपने मोबाइल पर मेरा भाषण रिकॉर्ड कर लो और वॉट्सऐप पर फैला दो.
कर्नाटक में भी ऐसा ही कर चुकी है कांग्रेस

कांग्रेस इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस अकेले ही मैदान में उतरी थी. जेडी(एस) और बहुजन समाज पार्टी मिलकर साथ लड़ी थीं. यहां चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, कांग्रेस ने चुनाव नतीजों के बाद जेडी(एस) से हाथ मिला लिया था और भाजपा को सत्ता में आने से रोक दिया था.

कांग्रेस अपनी क्षमता को परखने की कोशिश में?
कांग्रेस एक ओर 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए महागठबंधन बनाने की बात कर रही है तो विधानसभा चुनावों में अन्य विपक्षी दल उससे रवैये से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों से पहले अपनी शक्ति तोलने की कोशिश कर रही है. हालांकि अन्य विपक्षी दलों का यह रवैया मुख्य विपक्षी पार्टी को भारी पड़ सकता है. 
Share To:

Post A Comment: