देहरादून I अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से फैसला आना सुनिश्चित होते ही देहरादून जिला प्रशासन और पुलिस भी अलर्ट हो गई। डीएम सी. रविशंकर ने देर रात शनिवार को जिले के संवेदनशील, अति संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने के निर्देश दिए हैं। उधमसिंह नगर के डीएम डॉ. नीरज खैरवाल ने भी देर रात जिले में धारा 144 लागू करने के निर्देश जारी किये हैं। 
निषेधाज्ञा के साथ ही देहरादून में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। वहीं, एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने देर रात तक जिले के सभी पुलिस अधिकारियों और थाना कोतवाली प्रभारियों की बैठक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गहन मंथन किया।

शुक्रवार देर रात एसएसपी जोशी ने पुलिस अधिकारियों के साथ ही जिले के लगभग सभी थानाध्यक्षों और कोतवाली प्रभारियों की बैठक ली। जिले के संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों के बारे को चिह्नित कर वहां अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

एलआईयू को भी संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखने को कहा गया है। पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह सामाजिक सौहार्द को खराब करने और किसी समुदाय विशेष या व्यक्ति को भड़काने की कोशिश करें तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं।

रहेगी पुलिस की अग्निपरिक्षा

शनिवार को देहरादून पुलिस की अग्निपरीक्षा रहेगी। राज्य स्थापना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा व्यवस्था और रैतिक परेड की व्यवस्था संभालनी होगी। इसके बाद अयोध्या पर फैसला भी नियत किया गया है। लिहाजा पुलिस का यह तीसरा टास्क होगा।

जिसमें एक ही दिन में हर स्थिति में 100 परसेंट योगदान देना होगा। इस संबंध में शुक्रवार रात एसएसपी ने अधीनस्थों की बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए। खुफिया तंत्र को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में खास नजर बनाने को कहा गया है। देर रात तक जिले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों में मंथन के दौर चले।

एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने देर रात एसपी सिटी श्वेता चौबे और एसपी देहात परमेंद्र डोबाल व सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों के साथ पुलिस लाइन में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शनिवार का दिन पुलिस के लिए चुनौती भरा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें दोनों पक्ष: स्वामी अर्जुन पुरी 

श्री तुलसी मानस मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दोनों पक्षों से स्वीकार करने का आह्वान किया है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी विदेश यात्रा कर अपने आश्रम में लौटे हैं।

एक बयान में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला हो उसे दोनों पक्षों को स्वीकार करना चाहिए। भारत में सदियों से हिंदू मुसलमान रहते आए हैं। हमारी गंगा जमुना संस्कृति हमारी विविधता में एकता का प्रतीक है और भगवान राम का आविर्भाव हजारों वर्ष पूर्व हुआ था जो सनातन हिंदुओं की आस्था का आधार है।

अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने इसका प्रयास दोनों पक्षों को मिलकर करना चाहिए ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। कहा कि हिंदू मुस्लिम दोनों भारत मां की संतानें हैं। सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला दे उसे दोनों पक्षों को स्वीकार कर सांप्रदायिक सद्भावना की मिसाल कायम करनी चाहिए। दोनों संप्रदायों की आपसी लड़ाई में बहुत खून बह चुका है। अब शांति पूर्वक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें।
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